राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । सोशल मीडिया ने छोटे बच्चों को अपने शिकंजे में जकड़ लिया है। अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के एक सर्वे के अनुसार 7 से 9 वर्ष आयुवर्ग के एक तिहाई और 10 से 12 साल के लगभग आधे बच्चे सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। सर्वे में शामिल इन बच्चों के 40% बच्चों के पेरेंट्स ने मजबूरी जताई कि वे बच्चों पर निगरानी नहीं रख पाते हैं।
हालात यहां तक है कि इस 12 वर्ष तक की आयुवर्ग के हर छह में से एक बच्चे बिना पेरेंटल लॉक वाले एप्स का उपयोग करते हैं। जबकि पेरेंट्स का सबसे बड़ा डर ये रहता है कि उनके बच्चे सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने के दौरान गलत वेबसाइट्स पर नहीं जाएं। इसमें पोर्न साइट्स और अश्लील वेबसाइट शामिल हैं। अमेरिका में स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट्स घर घर में मौजूद हैं।
अक्सर अभिभावक बच्चों काे ये सभी गैजेट्स देते हैं। सर्वे के अनुसार वर्तमान में अमेरिका में टिकटॉक और इंस्टाग्राम बच्चों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इन एप्स में बच्चों के लिए हानिकारक मानी जाने वाली सामग्री आसानी से उपलब्ध रहती है। सर्वे की सह समन्वयक साराह क्लार्क ने बताया कि अमेरिकी समाज में लोगों में ये बहस का विषय है कि बच्चों को किस उम्र और कितनी देरी के लिए मोबाइल और अन्य गैजेट्स देने चाहिए। लेकिन सोशल मीडिया का खतरा बना रहता है।
सर्वे में सामने आया कि 10 से 12 वर्ष आयुवर्ग के 18 फीसदी अभिभावक अपने बच्चों को कोई भी एप चलाने ही नहीं देते हैं। अधिकांश अभिभावक बच्चों को बना पेरेंटल लॉक वाले सोशल मीडिया एप्स चलाने की अनुमति देने के पक्षधर भी नहीं थे।