भोपाल समाचार, राष्ट्र आजकल पूरे देश में एक तरफ जहां कृषि कानूनों को लेकर जंग छिड़ी हुई है। वही मध्यप्रदेश में किसान हितों के लिए शिवराज सरकार आए दिन बड़े बड़े फैसले ले रही है। इसके साथ ही साथ नए कृषि कानून के तहत किसानों की समस्याओं का समाधान भी किया जा रहा है। इस बीच शिवराज सरकार ने प्रदेश में सुलह बोर्ड के गठन करने का ऐलान किया है।
दरअसल प्रदेश में किसान और राइस मिल के बीच होने वाले भुगतान और विवाद की समस्याओं को सुलझाने के लिए सुलह बोर्ड का गठन किया जा रहा है। एसडीओ , किसान, राइस मिल संचालक और तहसीलदार इस बोर्ड के सदस्य होंगे। नए कृषि कानून के तहत इस बोर्ड का गठन किया जा रहा है। कृषि विभाग के अनुसार कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य अधिनियम 2020 की धारा 8 के तहत सुलह बोर्ड का गठन किया जाएगा। किसानों की शिकायत पर एसडीएम इसी धारा के तहत राइस मिल प्रोपराइटर पर प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच करेंगे।
बता दें कि इससे पहले प्रदेश के बालाघाट में किसान की समस्याओं पर फौरन एक्शन लेते हुए मामले को निटाया गया था। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि नए कृषि कानून किसानों के हित में है। जबकि अन्य दल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसानों को भड़काने का काम कर रही है। किसान इस बिल की महत्ता को समझे। इस कानून से उनका ही लाभ है।
इससे पहले पिपरिया में फॉर्चून राइस कंपनी ने किसान से अनुबंध कर लिए थे। बावजूद इसके कंपनी ने किसान से धान की खरीदी नहीं की। जिसके बाद इस मामले की शिकायत की गई और कंपनी किसानों को कांटेक्ट के तहत भुगतान करने को राजी हुई। ऐसा ही एक मामला बाबालाघाे सामने आया जब राइस मिल द्वारा धान की फसल किसानों से खरीदे जाने के बाद इसका भुगतान नहीं किया गया। इस मामले में किसानों ने बालाघाट एसपी को शिकायत दर्ज कराया। मामला संज्ञान में आते ही एसडीएम ने राइस मिल के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
बता दें कि प्रदेश में अब तक नए कृषि कानून के तहत तीन मामले सुलझाए गए। इसके साथ ही साथ किसानों को भी नए कृषि कानून के फायदे बताए जा रहे हैं।





