राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । खर्राटे लेने वाला व्यक्ति को पता ही नहीं होता है की वह खर्राटे लेता है। असल में नींद की उस स्थिति में अक्सर उसे इस बारे में पता ही नहीं चलता। लेकिन कई बार खर्राटों की ये आवाज़ इतनी तेज होती है कि खुद व्यक्ति की नींद टूट जाती है। यह स्थिति महिला-पुरुष दोनों के साथ हो सकती है। अक्सर लोग इस समस्या को उम्र के साथ जोड़कर देखते हैं। लोगों को लगता है कि खर्राटे तो उम्र बढ़ने पर होने वाली सामान्य प्रक्रिया है, इसीलिए अक्सर खर्राटों को लेकर मजाक भी किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खर्राटे आपके लिए जानलेवा स्थिति भी बना सकते हैं?
आमतौर पर खर्राटों को अच्छी नींद का प्रतीक माना जाता है। लोग आपको कहते भी मिल जाएंगे कि खर्राटे लेने वाला अच्छी नींद सो रहा है। पर असल में तेज खर्राटों वाली नींद गहरी और अच्छी नींद नहीं होती, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य के लिए खतरा भी बन सकती है।
खर्राटों की इस समस्या के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। इनमें अधिक वजन या मोटापा, ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया यानी सोते समय सांस लेने में बाधा, नाक, मुंह या गले का बिगड़ा स्ट्रक्चर, अनिद्रा, किसी प्रकार की एलर्जी, रूटीन में असंतुलन, शराब और सिगरेट का ज्यादा सेवन, सोने का गलत पॉश्चर और गले या नाक सम्बन्धी कोई बीमारी हो सकती है। खर्राटे लेने वाले के साथ जो भी व्यक्ति सोता है उसके लिए नींद पूरी कर पाना कठिन हो जाता है।
नियमित एक्सरसाइज और सही खान पान से अपने वजन को संतुलित रखें। इससे गले के उन ऊतकों को घटाने में मदद मिलेगी जो खर्राटों का कारण बनते हैं।
खर्राटे लेने वाला व्यक्ति कभी इस बात से सहमत नहीं होता कि वो खर्राटे लेता है। असल में नींद की उस स्थिति में अक्सर उसे इस बारे में पता ही नहीं चलता। लेकिन कई बार खर्राटों की ये आवाज़ इतनी तेज होती है कि खुद व्यक्ति की नींद टूट जाती है। यह स्थिति महिला-पुरुष दोनों के साथ हो सकती है। अक्सर लोग इस समस्या को उम्र के साथ जोड़कर देखते हैं। लोगों को लगता है कि खर्राटे तो उम्र बढ़ने पर होने वाली सामान्य प्रक्रिया है, इसीलिए अक्सर खर्राटों को लेकर मजाक भी किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खर्राटे आपके लिए जानलेवा स्थिति भी बना सकते हैं?
आमतौर पर खर्राटों को अच्छी नींद का प्रतीक माना जाता है। लोग आपको कहते भी मिल जाएंगे कि खर्राटे लेने वाला अच्छी नींद सो रहा है। पर असल में तेज खर्राटों वाली नींद गहरी और अच्छी नींद नहीं होती, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य के लिए खतरा भी बन सकती है।
खर्राटों की इस समस्या के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। इनमें अधिक वजन या मोटापा, ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया यानी सोते समय सांस लेने में बाधा, नाक, मुंह या गले का बिगड़ा स्ट्रक्चर, अनिद्रा, किसी प्रकार की एलर्जी, रूटीन में असंतुलन, शराब और सिगरेट का ज्यादा सेवन, सोने का गलत पॉश्चर और गले या नाक सम्बन्धी कोई बीमारी हो सकती है। खर्राटे लेने वाले के साथ जो भी व्यक्ति सोता है उसके लिए नींद पूरी कर पाना कठिन हो जाता है।
नियमित एक्सरसाइज और सही खान पान से अपने वजन को संतुलित रखें। इससे गले के उन ऊतकों को घटाने में मदद मिलेगी जो खर्राटों का कारण बनते हैं।