राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि ग्वालियर। आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल काम ही आसान नहीं कर रहा, अब ठगी की वारदातों में भी एआइ का इस्तेमाल किया जा रहा है। एआइ का इस्तेमाल कर ठग अब इतने शातिर तरीके से ठगी कर रहे हैं, असली-नकली तक पहचानना मुश्किल हो रहा है। अगर छोटी सी चूक हुई तो भारी पड़ जाएगी। इसलिए आनलाइन खरीदारी से लेकर इंटरनेट मीडिया पर सफरिंग करते समय विशेष सावधानी रखनी होगी। इस दौरान छोटी सी गलती भारी पड़ेगी | आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर वाइस मिक्सिंग कर ठगी की जा रही है। अनजान नंबर से अपनों की आवाज में ठग बात करते हैं। फोन पर बिल्कुल ऐसा लगेगा, जैसे आपका करीबी ही बात कर रहा हो। अलग-अलग झांसा देकर ठगी की जाती है। इस झांसे में आकर अधिकारी से लेकर ठेकेदार तक ठगे जा चुके हैं। इस तरह की वारदात लगातार हो रही हैं। वाइस कन्वर्टर एप के जरिये एआइ का इस्तेमाल कर लड़के लड़की आवाज में बात कर भी फंसाते हैं और ठगी करते हैं। बड़ी-बड़ी ई-कामर्स कंपनियों के पोस्टर इस तरह बनाये जाते हैं, जो एक नजर में बिलकुल असली होते हैं। पोस्टर इस तरह बनाया जाता है, जो बिल्कुल असली लगेगा। इसमें कंपनी के नाम और स्लोगन में स्पेलिंग में भी हेरफेर होती है। इसके जरिये ठगी की जा रही है। डीपफेक कंटेंट का इस्तेमाल कर ठगी की जा रही है। डीपफेक फोटो, वीडियो, वाइस मिक्सिंग के जरिये लोगों को ठगा जा रहा है। अलग-अलग वीडियो इस तरह डीपफेक बनाये जाते हैं जो बिलकुल असली लगते हैं। आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर अब डाटा भी हैक किया जा रहा है। इसमें कुछ लिंक, फोटो, पजल्स शेयर कर डाटा चोरी किया जा रहा है। इन पर क्लिक करते ही डाटा हैकर्स के पास पहुंच जाता है।