राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि! सरकार ने अंतरिम बजट में आम आदमी को इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी है। पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आप 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बचा सकते हैं।
वहीं नई टैक्स रिजीम चुनने पर पहले की तरह ही 3 लाख रुपए तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। इसमें भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत सैलरीड पर्सन 7.5 लाख रुपए तक की इनकम पर और अन्य लोग 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
1962 से 2015 तक के मामलों में टैक्स छूट
CA कार्तिक गुप्ता के अनुसार इस बार टैक्स के पुराने पेंडिंग मामलों को लेकर राहत दी गई है। इसके तहत 1962 से वित्त वर्ष 2009-10 तक के पेंडिंग डायरेक्ट टैक्स के मामलों में टैक्स माफ कर दिया जाएगा। हालांकि ये तभी होगा जब आप पर 25000 रुपए तक का टैक्स बन रहा हो।
इसे उदाहरण से समझते हैं: मान लीजिए आप पर 2005 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को 20 हजार की देनदारी बन रही है। इस नए नियम के आने के बाद आपको अब ये पैसे डिपार्टमेंट को नहीं चुकाने होंगे। यानी आपकी ये देनदारी माफ कर दी जाएंगी।
इसी तरह 2010-11 से 2014-15 के बीच पेंडिंग मामलों में इनकम टैक्स से जुड़े 10 हजार रुपए तक के मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया है। वित्त मंत्री के अनुसार सरकार की ओर से पुराने विवादों को सुलझाने का कदम उठाने से कम से कम एक करोड़ करदाताओं को फायदा होगा।
अब पुरानी टैक्स रिजीम को उदाहरण से समझें-
भोपाल के CA कार्तिक गुप्ता के अनुसार मान लीजिए, अगर किसी की सालाना इनकम 5 लाख रुपए है। पुराने टैक्स रिजीम में 2.5 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री है। ऐसे में बचे हुए 2.5 लाख रुपए पर उस व्यक्ति पर 5% के हिसाब से टैक्स की देनदारी बनेगी। यानी, उसे 12,500 रुपए टैक्स चुकाना होगा। पर सरकार इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है।
इसमें एक पेंच भी है। अगर आपकी कमाई 5 लाख रुपए से एक रुपए भी ज्यादा हुई तो आपको एक रुपए पर नहीं बल्कि ढाई लाख एक रुपए पर टैक्स चुकाना होगा। अब 2.5 लाख रुपए पर 5% के हिसाब से 12,500 रुपए की टैक्स देनदारी बनेगी। वहीं बचे हुए 1 रुपए पर 20% के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। यानी, 12,501 रुपए टैक्स चुकाना होगा।