राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। मंदिर हर किसी के लिए होता है। मंदिर में न तो किसी जाति, लिंग और उम्र का भेद होता है और न ही अमीर गरीब या किसी वर्ग विशेष का अधिकार। लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां प्रेमियों को आसरा मिलता है। दरअसल भारत में प्रेम के कई दुश्मन होते हैं, जाति, धर्म, उम्र, अमीरी-गरीबी और अब लिंग के नाम पर दो प्यार करने वालों के बीच आ जाते हैं। जब समाज प्रेमियों के मुहब्बत को नहीं समझता, परिवार उनके प्यार को स्वीकार नहीं करता तो अक्सर ही प्रेमियों को घर छोड़कर भागना पड़ता है। ऐसे में सवाल होता है कि कपल परिवार से दूर भागकर जाएं कहां? लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर है, जो इन प्यार करने वालों को शरण देता है और समाज से सुरक्षित रखता है। मान्यता है कि यह मंदिर प्रेमियों की रक्षा करता है दो प्यार करने वालों को शरण देने वाला प्रेमियों का मंदिर हिमाचल प्रदेश में स्थित है। हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। इसी खूबसूरत नजारों के बीच कुल्लू के शांघड़ गांव में एक पुराना शिव मंदिर स्थित है। शंगचुल महादेव के नाम से मशहूर यह शिव मंदिर लगभग 128 बीघा क्षेत्र में फैला है। इस मंदिर में सदियों से परंपरा चली आ रही है, जिसे गांव के लिए भगवान शिव का आदेश मानकर पूरा करते हैं। प्रेमी जोड़े या कोई भी भक्त जो मंदिर में जाना चाहता है, वह बिना किसी हथियार के ही गांव में प्रवेश कर सकता है। हथियार होने पर उन्हें गांव में ही प्रवेश की अनुमति नहीं होती। इसके अलावा शराब, सिगरेट, चमड़े का सामान लेकर भी इस मंदिर में प्रवेश नहीं किया जा सकता। मंदिर में झगड़ा या तेज आवाज में बात करने की भी मनाही है। साथ ही कोई भी भक्त या प्रेमी जोड़ा मंदिर में घोड़ा लेकर भी नहीं आ सकता। हिमाचल में स्थित यह शिव मंदिर प्रेमियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां वह प्रेमी आकर बस सकते हैं, जिनके प्यार को समाज और परिवार स्वीकार नहीं करते। मान्यता है कि भगवान शिव प्रेमी जोड़ों की रक्षा करते हैं। इस मंदिर में बिना किसी जाति, उम्र या समाज के अन्य रीति-रिवाजों को भुला कर प्रेमी जोड़े आसानी से शादी कर सकते हैं। यहां के लोग प्रेमी जोड़े को मेहमान समझ कर उसका स्वागत करते हैं और उनकी रक्षा करते हैं।