सोयाबीन 6 हजार रुपए कुंटल सहित अन्य कई मांगों को लेकर तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
राष्ट्र आजकल/बबलू शर्मा/लटेरी विदिशा
वैसे तो किसान को अन्न्न दाता की उपाधि दी जाती है लेकिन भारत में किसानों की स्थिति अत्यंत गंभीर है। किसान हमेशा से तंग हाली का जीवन जीते आ रहें हैं। किसानों को पर्याप्त साधन के साथ-साथ अपनी उपज का पूर्ण भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे खेती लाभ का धंधा ना होकर नुकसादायक सिद्ध हो रही है। किसानों के पास अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए भी तक पैसे नहीं हैं। कई बार स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि उन्हें ठीक से खाना भी नहीं मिल पाता है यही कारण है कि हमारे भारत देश में प्रतिदिन कई किसान आत्महत्या कर रहे हैं
लटेरी
आज लटेरी में भारतीय किसान संघ के बैनर के नीचे एकत्रित होकर सैकड़ो किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। सुबह 10 बजे से ही किसानों का रेंज माता मंदिर आनंदपुर रोड पर आना शुरू हो गया था। दोपहर 2 बजे किसान रैली के रूप में शांतिपूर्वक तरीके से अपने हाथों में नारे लिखी हुई तख्तियां लेकर बाजार से निकलते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे यहां पर अपनी मांगों को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा
-किसानों के ज्ञापन की प्रमुख मांगे |
- मध्य प्रदेश एक सोयाबीन उत्पादक राज्य है सोयाबीन उत्पादन में अधिक लागत आती है इसलिए इसका मूल ₹6000 कुंटल निर्धारित किया जाए।
- कृषि उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिया जाए।
- देश की आत्मा कृषि का बजट अलग से बनाया जाए।
- केंद्र सरकार बलराम जयंती को किसान दिवस घोषित करे।
- देश की मनरेगा योजना को कृषि से जोड़ा जाए।
- मक्का का सरकारी रेट ₹2500 कुंटल निर्धारित किया जाए
- वर्तमान में चल रही बीमा पॉलिसी को सरल एवं सुंयोजित किया जाए
- राष्ट्रीय कृत बैंकों की शाखाएं बड़ाई जाएं।
- जंगली जानवरों एवं आवारा पशुओं से होने वाले नुकसान को बचाने के लिए तार फेंसिंग की लागत का 80% मूल सरकार द्वारा दिया जाए