पार्क प्रबंधन को सियारों से वन्यप्राणियों के बीच संतुलन बिगड़ने का खतरा है। इसे देखते हुए 39 सियारों को बाहर छोड़ दिया गया है। इन्हें आगे भी पार्क से बाहर खुले जंगल में छोड़ने की प्रक्रिया जारी रहेगी।

भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): मप्र की राजधानी भोपाल में स्थित वन विहार नेशनल पार्क में सियारों ने आतंक मचा रखा हैं। इनकी नजर हिरण, चीतल के शावकों पर रहती हैं।
पार्क के अंदर वन्यप्राणियों के बीच भोजन व्यवस्था को भी प्रभावित कर सकते हैं। दूसरी प्रजाति के वन्यप्राणियों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन तमाम स्थितियों को देखते हुए इन्हें रायसेन, भोपाल और सीहोर सामान्य वन मंडल में पांच स्थानों पर छोड़ा जा रहा है। दरअसल, केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और मप्र वन्यप्राणी विभाग की गाइडलाइन के अनुरूप पार्क के अंदर सिर्फ छह सियार ही रहने चाहिए, जबकि फिलहाल इनकी संख्या 100 के करीब है।
कोशिश यही है कि पार्क में छह सियार ही रहें। उन्होंने बताया कि एक साथ सियारों को पकड़ना और छोड़ना चुनौतीपूर्ण काम है। इस वजह से जैसे-जैसे सियार पकड़ में आते जा रहे हैं उन्हें बाहर छोड़ा जा रहा है। पार्क के डिप्टी डायरेक्टर अशोक कुमार जैन ने बताया कि सियारों को छोड़ने का काम जारी है।
पार्क में आए दिन पर्यटक आते ही रहते हैं, उनके साथ बच्चे भी आते है। इस तरह खतरा हो सकता है। वहीं जिन क्षेत्रों में सियार होते हैं, उन क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के प्रवेश करने की संभावना अधिक रहती है। आवारा कुत्ते बडे तालाब की तरफ से प्रवेश कर सकते है, जो कि पार्क के लिए बडा नुकसान हो सकता है। इन सभी कारणों को देखते हुए सियारों को बाहर छोडा जा रहा है। वन्यप्राणी विशेषज्ञों बताते है कि कई बार सियारों को झुंड बढा होता है तो वे लोगों को भी जाने-अनजाने नुकसान पहुंचा सकते है।