बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पोषक तत्वों की बहुत जरूरत होती है।
भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): कोरोना संक्रमण का खतरा बच्चों में ज्यादा रहता है। इसकी वजह यह है कि उनकी प्रतिरोधक क्षमता बड़ों के मुकाबले कम रहती है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चों के खाने में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए। वसा की मात्रा भी कम नहीं होनी चाहिए।
पांच साल तक तो इस पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि मानिसक विकास पांच साल तक ही होता है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पोषक तत्वों की बहुत जरूरत होती है।
- बच्चे को जन्म से छह महीने तक : इस दौरान सिर्फ मां का दूध पिलाया जाना चाहिए। इसके बाद मां के दूध के साथ पूरक पोषण आहार भी दिया जाना चाहिए। तीन बार बच्चों को कुछ न कुछ खिलाएं। सात दिन तक एक ही चीज खिलाएं। मिश्रित खाना खिलाएं जो आसानी से उपलब्ध हो।
- दो साल तक: मां का दूध दिया जाना चाहिए। सुबह के नाश्ते में खिचड़ी दें। दाल व सब्जी मिलाकर दे सकते हैं। इसके साथ कम से कम आधा लीटर दूध भी दें। दो साल तक बच्चों को मां से आधी यानी 1100 कैलोरी ऊर्जा की जरूरत होती है।
- पांच साल बाद: तीन बार खाना खिलाएं। इसके अलावा दो बार नाश्ता दें। आधा लीटर दूध दें।
- किशोरावस्था: इस उम्र में बच्चों को बड़ों के बराबर ही ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। इसलिए बड़ों के बराबर ही आहार लें।