मिलिंग के बाद अच्छी गुणवत्ता का चावल मिले, इसके लिए भी अब सख्ती की जाएगी। उधर, भारतीय खाद्य निगम और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के संयुक्त दलों द्वारा प्रदेश के अलग-अलग जिलों में गोदामों से चावल के नमूने लेकर जांच के लिए भेजने का काम चल रहा है।
भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): मिलिंग के लिए अब जो धान दी जाएगी, पहले उसकी गुणवत्ता जांच होगी। अभी आठ लाख टन धान की मिलिंग होना बाकी है। यह कई जगह खुले में पक्के चबूतरे पर पॉलिथिन से ढंककर रखी हुई है। प्रदेश में राशन दुकानों से घटिया चावल वितरण का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार सतर्क हो गई है।
टेस्ट मिलिंग भी कराई जाएगी। इससे यह पुख्ता हो जाएगा कि जो धान मिलिंग के लिए दी गई है, वो गुणवत्तायुक्त है। जब गोदाम में मिलर चावल जमा कराएगा तो गुणवत्ता की जांच के लिए एक पूर्व आधार उपलब्ध रहेगा। जांच के बाद जो चावल गुणवत्ता के पैमाने पर खरा उतरेगा, उसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित किया जाएगा।खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि धान की गुणवत्ता की जांच न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के दौरान, भंडारण और मिलर्स को देने के समय की जाती है।
तीन-चार साल पुराना था चावलकेंद्र सरकार ने 30 जुलाई से दो अगस्त के बीच बालाघाट और मंडला के गोदाम व उचित मूल्य की एक दुकान से चावल के 32 नमूने लेकर जांच कराई थी। इसमें चावल गुणवत्ताहीन पाया गया था। 21 अगस्त को खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव को भेजी रिपोर्ट में गोदामों में रखे चावल को मई से जुलाई 2020 के बीच में खरीदना बताया गया है, जबकि स्थिति कुछ और ही है. प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति फैज अहमद किदवई का कहना है कि जितने नमूनों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आई हैं, उनमें 80 फीसद की गुणवत्ता मानक अनुरूप पाई गई है।
इसी बीच, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने केंद्र सरकार की रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों की साठ-गांठ से यह घोटाला लंबे समय से चल रहा था। चावल का यह भंडार (स्टॉक) तीन-चार साल पुराना है और जो बोरे हैं, वे भी तीन-चार साल पुराने थे। खरीद से लेकर वितरण की कड़ियों में एजेंसी से लेकर जिला अधिकारी तक की गड़बड़ी सामने आई है।
इसमें मिलिंग और चावल वितरण की मौजूदा व्यवस्था की कमजोर कड़ियों पर बात की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि व्यवस्था में सुधार के लिए आगे क्या कदम उठाए जाने चाहिए, इसकी भी रणनीति बनाई जाएगी। सोमवार को बुलाई बैठक, बनेगी आगे की रणनीतिप्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचे मामले की गंभीरता को देखते हुए खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने धान की खरीद, मिलिंग और गुणवत्ता नियंत्रण के मुद्दे पर विचार करने के लिए सोमवार को खरीद और खाद्यान्न वितरण के काम से जुड़ी सभी एजेंसियों के अधिकारियों की बैठक बुलाई है।