आरोपितों को मैकेनिक की पत्नी पर बुरी नीयत रखने वाले व्यक्ति ने हत्या की सुपारी दी थी। इस मामले में पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में दिखे एक संदिग्ध युवक की टी-शर्ट से अहम सुराग मिला था।

भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): शाहजहांनाबाद थाना इलाके में 29 अक्टूबर को दिनदहाड़े मैकेनिक हफीज को गोली मारकर फरार हुए बदमाशों को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया।
29 अक्टूबर की सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे हफीज एक कार के नीचे घुसकर काम कर रहा था। इस दौरान उसे पेट में कुछ जलन सी महसूस हुई। वह कार के नीचे से बाहर निकला। शर्ट ऊपर उठाकर देखा तो पेट में एक स्थान से खून निकल रहा था। आबिद उसे लेकर पास के अस्पताल पहुंचा। वहां हफीज ने डॉक्टर को बताया संभवत: कार के नीचे काम करते समय कोई नुकीला पत्थर चुभ गया है। उधर जांच के बाद डॉक्टर ने उसे बताया था कि उसे गोली मारी गई है।
शाहजहांनाबाद निवासी हफीज खान का आदर्श अस्पताल के पास गैराज है। उसमें वह कार-जीप सुधारने का काम अपने भागीदार आबिद के साथ करता है। गोली पेट के अंदर रह गई है। सूचना मिलने पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज कर लिया था। हफीज की किसी से कोई रंजिश नहीं पता लगने पर पुलिस को आरोपितों की तलाश में मुश्किल हो रही थी।
सीएसपी नागेंद्र पटेरिया ने बताया कि घटनास्थल के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे से बाइक सवार दो युवक घटना के समय वहां से भागते दिखे, लेकिन उनके चेहरे स्पष्ट नहीं दिख रहे थे। पुलिस ने मौके से लेकर परीबाजार, काला दरवाजा रॉयल मार्केट, पीरगेट, मालीपुरा, फतेहगढ़, इकबाल मैदान, किलोल पार्क तक के रास्ते का नक्शा तैयार किया। इन स्थानों पर लगे सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज बारीकी से देखे गए। इस दौरान संदिग्ध युवकों में एक की टी-शर्ट पर मशहूर फूड चेन कंपनी का लोगो दिखाई दिया। पुलिस उसी सुराग के आधार पर आगे बढी। एक अन्य कैमरे में उस युवक का कुछ स्पष्ट चेहरा मिल गया।
पुलिस को सुराग मिल चुका है, इस बात की भनक लगने पर संदिग्ध युवकों में से एक शाहजहांनाबाद निवासी नफीस बीमारी का बहाना कर अस्पताल में भर्ती हो गया। पुलिस ने जब उससे पूछताछ शुरू की तो वह घटना के बारे में लगातार गुमराह करता रहा। सख्ती करने पर उसने अयान के साथ मिलकर हफीज को गोली मारने की बात स्वीकार कर ली।
वारदात को अंजाम देने के बाद बाइक में वापस हेडलाइट लगा दी थी। साथ ही बाइक पर दूसरा कलर करवा लिया था। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्हें कुएं वाली मस्जिद के पास रहने वाले इनामउल्ला ने हफीज की हत्या करने की सुपारी दी थी। एडवांस के तौर पर 55 हजार रुपये भी दिए थे। उसमें से 25 हजार रुपये में उन्होंने देशी पिस्टल खरीदी थी। वारदात को अंजाम देने के लिए बाइक की हेडलाइट खोलकर निकाल दी थी।
बाद में हफीज और उसकी पत्नी ने उससे दूरी बनाना शुरू कर दिया। साथ ही घर आने पर पुलिस में शिकायत की धमकी देना शुरू कर दी थी। सबक सिखाने के लिए उसने हफीज की हत्या करने की साजिश रची। उस पर किसी को शक नहीं हो, इसलिए घटना वाले दिन सुबह वह बीना चला गया था। पूछताछ में आरोपित इनामउल्ला ने पुलिस को बताया कि उसका हफीज के घर आना-जाना था। उसकी पत्नी से वह हफीज की गैरमौजूदगी में जाकर मिलता था। साथ ही पिछले कुछ वर्षों में उसने हफीज और उसकी पत्नी को करीब आठ लाख रुपये मदद करने के उद्देश्य से दिए थे।