राष्ट्र आजकल/ जावेद खान/ भोपाल/ मध्यप्रदेश सरकार ने भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इससे स्मार्ट पुलिसिंग के साथ कानून व्यवस्था सुदृढ़ होगी। ऐसे में आम लोगों के मन में सवाल उठता है कि पुलिस कमिश्नर सिस्टम क्या है? यह कैसे काम करता है? इसके लागू होने से पुलिस को कौन सी शक्तियां मिल जाती हैं।
पुलिस को ये अधिकार मिलेंगे
पुलिस एक्ट: मेट्रोपोलिटिन में पुलिस आयुक्त के अधीन पुलिस का प्रशासन रहेगा। वे डीजीपी के नियंत्रण व परिवेक्षण में रहेंगे।
बंदी अधिनियम: जेल में बंद कैदियों को पैरोल और आपातकाल में पैरोल बोर्ड की अनुशंसा पर सशर्त छोड़ा जाएगा।
विष अधिनियम: गैर कानूनी जहर या तेजाब रखने अथवा बेचने वालों की तलाश और उनसे जब्ती की जाएगी।
अनैतिक व्यापार अधिनियम: वेश्यावृत्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। इस पेशे में धकेली गईं महिलाओं को मुक्त कराया जा सकेगा। संरक्षण गृह में भेजा जा सकेगा।
कानून के खिलाफ एक्टिविटी: केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठनों की गैरकानूनी गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जा सकेगा।
मोटरयान अधिनियम: वाहनों की पार्किंग अथवा उनके रुकने के स्थान अधिकारियों से समन्वय कर निर्धारित किए जा सकेंगे। वाहनों की गति सीमा निर्धारित होगी।
मप्र सुरक्षा अधिनियम: गुंडे बदमाशों को और ऐसे अपराधी तत्वों के गैंग व आदतन अपराधियों को जिलाबदर किया जा सकेगा।
शासकीय गुप्त बात अधिनियम: सरकारी गोपनीय दस्तावेज रखने और इस अधिनियम के विरुद्ध की गई गतिविधियों पर कार्रवाई की जा सकेगी।
भोपाल : इस तरह चार जोन में बांटे
पुलिस उपायुक्त जोन- 1
टीटी नगर, कमला नगर, रातीबड़, जहांगीराबाद, ऐशबाग, स्टेशन बजरिया, हबीबगंज, शाहपुरा और अशोका गार्डन।
पुलिस उपायुक्त जोन- 2
गोविंदपुरा, पिपलानी, अवधपुरी, एमपी नगर, अरेरा हिल्स, अयोध्या नगर, मिसरोद, कटारा हिल्स और बागसेवनिया।
पुलिस उपायुक्त जोन- 3
कोतवाली, तलैया, श्यामला हिल्स, शाहजहांनाबाद, टीला जमालपुरा, कोहेफिजा, हनुमानगंज, गौतम नगर और मंगलवारा।
पुलिस उपायुक्त जोन- 4
निशातपुरा, छोला मंदिर, गांधी नगर, बैरागढ़, खजूरी सड़क, चूनाभट्टी और कोलार।
भोपाल के ये अन्य थाने SP ग्रामीण के दायरे में
बैरसिया, गुनगा, नजीराबाद, ईटखेड़ी, सूखी सेवनिया, बिलखिरिया और परवलिया सड़क।