11.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 11 लाख 34 हजार किसानों की फसलें प्रभावित हुईं हैं। 60 हजार मकान बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए हैं। आठ हजार 442 गांवों में नुकसान हुआ है। सड़क, बिजली के खंभे, पुल-पुलिया सहित अन्य संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। प्रारंभिक आकलन के बाद प्रतिवेदन केंद्र सरकार को भेज दिया है।

भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): प्रदेश के 24 जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से साढ़े नौ हजार करोड़ रुपये की फसल और अधोसंरचनाओं को नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने केंद्रीय संयुक्त सचिव आशुतोष अग्निहोत्री की अगुआई में आए दल को बताया कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण 24 जिलों में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। 13 हजार 344 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को केंद्रीय अध्ययन दल के साथ बैठक में कही।
231 राहत शिविरों में लोगों को ठहराया गया। सड़क, पुल-पुलिया और पशुओं को भी नुकसान पहुंचा है। जनहानि न हो इसके प्रयास किए गए थे, जिसमें सफलता भी मिली। उज्जैन, खरगोन, खंडवा, विदिशा, निवाड़ी, नरसिंहपुर, सिवनी जिलों में 22 हजार 546 लोगों को उनके निवास स्थान से हटाकर सुरक्षित किया गया।
उन्होंने केंद्रीय दल से आग्रह किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत निरीक्षण करने और प्रभावित व्यक्तियों से चर्चा करने के बाद क्षति की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
इसके पहले गुरुवार को अध्ययन दल के समक्ष अतिवृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर राजस्व विभाग ने प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें सभी तथ्य रखे गए।
सरकार अपने स्तर पर फसल बीमा और राहत राशि से नुकसान की भरपाई दिलाने का काम कर रही है। कृषि और राजस्व विभाग नुकसान का आकलन कर रहा है। इसके लिए अलग से केंद्रीय अध्ययन दल भेजा जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ और अतिवृष्टि से पहले सोयाबीन की फसल को बड़े पैमाने पर यलो मोजेक, इल्ली सहित अन्य रोग लगने से नुकसान पहुंचा। 17 लाख से ज्यादा किसानों की 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से अधिक की फसल प्रभावित हुई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 28-29 अगस्त को अतिवृष्टि से पानी खेतों और ग्रामीण आवासीय क्षेत्रों तक पहुंच गया था। सेना और अन्य राहत दलों ने दिन-रात काम किया। 12 जिले गंभीर और 23 जिले आंशिक रूप से प्रभावित हुए। मैं स्वयं 48 घंटे नहीं सोया। प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर भोजन, पेयजल, दवा और रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई।