बीती रात एक बार फिर बाढ़ आ गई। आधी रात को लोग अपने घरों को तबाह होता छोड़कर जान बचाने के लिए ऊपर की तरफ भागे।
भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के निचले इलाकों की स्थिति समुद्र किनारे किसी बस्ती जैसी हो गई है।
इसी सप्ताह मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ से बचने के लिए लोग अपने घरों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में आ गए थे लेकिन जैसे ही वर्षा बंद हुई, लोगों ने फिर से तिरपाल तान दिए। भोपाल में बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए प्रशासन ने क्या किया
नगर निगम, एनडीआरएफ एसटीआरएफ की टीम अलर्ट है। लगातार बारिश के बाद भदभदा का 1 व कलियासोत के 3 गेट खोल दिए गए हैं। सीहोर की कोलांस नदी के जल स्तर को देखते हुए डेम के गेट खोले गए हैं। बीते 24 घण्टे से लगातार हो रही तेज़ बारिश से भोपाल में निचली बस्तियों में पानी भर गया है। जिला प्रशासन ने एक दिन पहले ही निचली बस्तियों में मुनादी कर बस्तियों खाली करा दिया है। लोगों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करा दिया गया है। तेज़ बारिश के चलते जिला प्रशासन अलर्ट पर है।
इनकी फ्रीक्वेंसी भी बहुत अच्छी है। ऐसे में दो और तीन सिस्टम अब एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं, जो भोपाल के साथ ही पूरे प्रदेश में बारिश करा रहे हैं। 2 से 3 दिनों तक लगातार प्रदेश भर में तेज बारिश होने के आसार है।
मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की विदाई में अभी 24 दिन बाकी है। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र वेलमार्क लो यानी अति कम दबाव के क्षेत्र के रूप में और स्ट्रांग हो गया है।