कलेक्टर संदीप जी आर का सरकारी तंत्र पर नही कोई ज़ोर, लचर चल रही जिले की विभागीय व्यवस्था

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राष्ट्र आजकल/ इरफान अजीजुद्दीन/ छतरपुर / अब कलेक्टर छतरपुर संदीप जी आर को आये आधा साल से ज्यादा का वक्त हो गया है, एक साल का कार्यकाल पूरा होने में बस कुछ ही समय बचा है। वह जिले की भौगोलिक स्थिति, समस्याओं और मिजाज से अच्छी तरह वाकिफ हो चुके हैं। उनके उम्र में बदलाव की आग होगी, लेकिन उसके अब तक सार्थक परिणाम सामने नहीं आये हैं। कलेक्टरी का हड़कंप भी अब हवा-हवाई होता जा रहा है। व्यवस्था में बदलाव के लिए वह जहां भी हाथ डालते हैं, वहाँ का परिणाम अभी तक जीरो ही दिखाई देता है- वही ढ़ाक के तीन पात।

आते ही कलेक्टर ने सबसे अधिक रुचि जिला अस्पताल के सुधार की दिशा में ली। सबसे अधिक विजिट की और समय वहाँ दिया। लेकिन आज तक वहाँ के बदतर हालात जस के तस हैं। जिला अस्पताल खुद गंभीर बीमार है।

सड़कों की जर्जर दुर्दशा और सफाई की व्यवस्था को वह चाहते हुए भी दूर नहीं कर पाये।

रेत के अवैध उत्खनन को रोंक पाने में वह अक्षम साबित हुये और आबाध गति से रेत माफिया का काला धंधा जारी है।
अधीनस्थ अमला कलेक्टर के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लेता और भर्राशाही का आलम व्याप्त है।

उनकी प्रशासनिक संवेदनशीलता पर भी प्रश्न चिन्ह लगते हैं। जनता से मिलने और उसकी सुनने में जागरूकता का अभाव है। यहाँ तक की निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी आरोप लगाते हैं कि उनकी मोबाइल काल तक वह अटेंड नहीं करते हैं।

अंदरखाने खबर है कि विभागीय फाइलों को भी वह पेंडिंग रखते हैं। जिससे रुटीन सरकारी कामकाज में विलंब होता हैं।

न्यायालयीन आदेशों के बावजूद तालाबों के अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में वह कोई प्रभावी कदम नहीं उठा पाये। वही कछुआ गति और नाटक।

शासकीय जमीनों के अवैध कब्जे को हटा पाने में वह असफल रहे। भूमाफियाओं की अट्टालिकायें, कब्जे और शासकीय नालों तक की गायबी जिला प्रशासन को चिढ़ा रही है। बस वही अतिक्रमण विरोधी मुहिम की मार केवल गरीबों पर और बड़े आदमियों की पौ बारह।

मेडिकल कालेज के निर्माण की दिशा में वह व्यवधानों को हटाने की दिशा में दिल से सक्रिय नहीं हो पाये।

खाद के लिए जिले का किसान मारा-मारा फिर रहा है। कल बिजावर में खाद के लिए लाइन में लगे एक किसान के प्राण पखेरू तक उड़ गए। तमाम प्रयासों के बावजूद कलेक्टर खाद की कमी और वितरण की व्यवस्था को सुधार नहीं पाये।

और भी तमाम ज्वलंत मुद्दे हैं, जो प्रशासनिक असफलता की कहानी कहते हैं। यह एक छोटी सी बानगी भर है। उत्साह और ऊर्जा से लबरेज कलेक्टर #संदीपजीआर के सच में सफल, प्रभावी और जनहितैषी स्वरूप का हमें इंतजार है और रहेगा।

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