राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। छतरपुर जिले में भ्रष्ट सरपंच मध्याह्न भोजन का भुगतान करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त पुलिस ने सरपंच को रंगे हाथों पकड़ा था। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी सरपंच को पांच साल की कठोर कैद के साथ 25 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है। फैसला सुनाने के बाद कोर्ट ने भ्रष्ट सरपंच को जेल भेज दिया है। लोकायुक्त पुलिस ने विनोद को वाइस रिकॉर्डर देकर सरपंच की रिश्वत संबंधी बातों को रिकॉर्ड कराया और इसी बात चीत के दौरान सरपंच मलखान ने 16 हजार रुपए रिश्वत मांगी, जिसमें से 6 हजार रुपए विनोद ने सरपंच को दे दिये और बांकि 10 हजार रुपए 8 अगस्त 2016 को देने की बात हुई। 8 अगस्त को ट्रैप दल के साथ विनोद पटेल जनपंद पंचायत कार्यालय छतरपुर पाहुँचाऔर विनोद ने रिश्वत की राशि 10 हजार रुपए मलखान को देने के बाद ट्रेप दल को इशारा किया। ट्रेप दल ने कार्यालय के अंदर आकर सरपंच मलखान को रंगे हाथों पकड़ा। भ्रष्टाचार लोकतंत्र और विधि के शासन की नीव को हिला रहा है। ऐसे आरोपियो को सजा देते समय नरम रुख दिखाना कानून की मंशा के विपरीत है और भ्रष्टाचार के प्रति कठोर रुख अपनाया जाना समय की मांग है। कोर्ट ने आरोपी सरपंच मलखान पटेल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराकर पांच साल की कठोर कैद के साथ 25 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।