छत्तीसगढ़ राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | युवक—युवती मंगलवार को पुनर्विवाह के बंधन में बंधे यह आयोजन छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद के बैनर तले हुआ, जिसमें शहर विधायक भी मौजूद रहे और नवयुगल को आशीष दिया।छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद के बिलासपुर द्वारा 28 व 29 दिसंबर को पंजीयन व परिचय के बाद एक दूसरे के घर, परिवार को समझ बूझकर सौ. ज्योति संग चि. सोमनाथ की सहमति से 15 दिसम्बर को पुनर्विवाह तय हुआ, दोनों की यह दूसरी शादी है, किन्हीं कारण से दोनों का परिवार बिखर कर अलग हो गया था, दोनो ही एकाकी रह गए थे परिषद के आयोजन में दोनों को सहारा मिल गया, दोनो पुनःविवाह के सूत्र में बंधन कर रहे है, अब दोनों को एकसाथ पुनः जीवन का राह मिल रहा है।15 दिसंबर को सामाजिक विप्र भवन इमलीपारा में ज्योति संग सोमनाथ का परिषद द्वारा निःशुल्क विवाह किया गया। इस सामाजिक आयोजन में विप्रजनों ने शामिल होकर पुनर्विवाह के वर व वधु को आर्थिक सहयोग व सुदीर्घ तथा खुशहाल जीवन का आशीष दिया। छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद बिलासपुर के अध्यक्ष डा. प्रदीप शुक्ला ने बताया कि समाज के कई वरिष्ठजनों ने विधवा, विधुर विवाह करने का सुझाव दिया था, जिसके बाद यह आयोजन हुआ है। जिसमे ईश्वरीय अनुकम्पा से एक नए जीवन की शुरुआत होगी, भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन का निर्णय परिषद द्वारा लिया गया है।परिषद के प्रधान सचिव संजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सामाजिक रूप से यह पहला पहल व प्रयास है,जिसमे अलग हो चुके दो जोड़ी को उनकी सहमति व स्वेच्छा से समाज द्वारा पुनर्विवाह किया जा रहा है, समाज बहुसंख्य ऐसे परिवार के सदस्य है, जिन्हें ऐसे पहल कर पुनर्जीवन दिया जा सकता है, यह प्रयास ब्राह्मण समाज के उदार सोच व अग्रणी दिशा निर्धारण का है।परिषद के कोषाध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया की समाज मे कई परिवार अलग होकर एकाकी हो गए है, ऐसे लोगो को सहारा व सहयोग देने परिषद में पहल कर सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ाया है, लोग संकोच छोड़कर ऐसे आयोजन का हिस्सा बने।15 दिसंबर को सामाजिक विप्र भवन इमलीपारा में ज्योति के संग सोमनाथ का पुनर्विवाह ब्राह्मण समाज द्वारा किया गया। इसमे दोनो के परिवार व परिजन भी शामिल होकर परंपरानुसार विवाह के सहभागी हुए।