प्रताड़ना देने वाले बसों के सफर के लिए सवारियों को आईएसबीटी में अलग से घंटों बसों के चलने का इंतजार करना पड़ रहा है।

जबलपुर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): आईएसबीटी से सिर्फ नाम मात्र के लिए बसों का संचालन शुरू हुआ है। जो बसें चल रहीं हैं उसमें ढाई से तीन घंटे की दूरी वाले दमोह, मंडला, कटनी, नरसिंहपुर आदि स्थानों के लिए भी 6 से 7 घंटे लग रहे हैं,
इंदौर जाने सुबह 7 बजे से आईएसबीटी पहुँचे प्रदीप कुमार कुशवाहा ने बताया कि वे बहुत परेशान हो रहे हैं, तकरीबन 4 घंटे बाद उन्हें यह बताया गया कि रात के 8 बजे बस आईएसबीटी से रवानगी लेगी। खाने का सामान भी तकरीबन खत्म हो रहा था। ऐसे हैं बसों के भीतर के हालात.
बसों के भीतर कंडक्टर का मास्क मुँह पर कम गले में लटका ज्यादा दिख रहा था। वहीं मंडला जाने वाले नसीर अंसारी ने बताया कि वे एक दिन पहले भी वापस लौट गए थे, उन्हें बसें न चलने की बात कही गई थी। इंदौर जाने सुबह से इंतजार. अमरकंटक से जबलपुर आए एक यात्री ने बताया कि वे मंगलवार रात में अमरकंटक से बस में सवार हुए थे और दूसरे दिन बुधवार सुबह 10 बजे यहाँ पहुँच पाए। बीच में ड्राइवर ने अचानक से बस खड़ी कर दी थी, बसों के भीतर की स्थिति बेहद भयावह थी। कुछ यात्री खाँस रहे थे, मास्क भी नहीं लगाए थे।
बसें बिना सेनिटाइज किए रवानगी ले रही हैं।इतने महीनों से खड़ी बसें पूरी तरह कंडम हो चुकी हैं।सवारियों का बुखार चैक नहीं हो रहा है।बसों के भीतर हैण्ड सेनिटाइज करने जैसी कोई सूचना चस्पा नहीं है।सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह नदारद है।सर्दी, बुखार, खाँसी वाली सवारियों से अन्य लोग भयभीत हो रहे हैं।