राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । कोरोना के इस दौर में सर्दी-जुकाम के साथ सीने में जकड़न को संक्रमण का प्रमुख लक्षण माना जा रहा है। क्या आप भी लगातार कफ और खांसी के साथ छाती में जकड़न की समस्या से परेशान हैं? अगर हां, तो जरूरी नहीं है कि यह सिर्फ कोरोना की वजह से ही हो । स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कई सारी अन्य स्थितियों में भी छाती में इस तरह की समस्या हो सकती है, ऐसे में कारण का समय पर निदान किया जाना आवश्यक हो जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक छाती में भारीपन या जकड़न की समस्या, कोरोना संक्रमण के अलावा अस्थमा, किसी प्रकार के संक्रमण या एलर्जी के कारण भी हो सकती है। इसके अलावा ठंड के इस मौसम के कारण भी कुछ लोगों में इस तरह की शिकायतें देखने को मिल सकती हैं। यदि आपमें भी कुछ दिनों से इस तरह की समस्या बनी हुई है तो समय पर किसी डॉक्टर से मिलकर स्थिति का सही निदान करना आवश्यक हो जाता है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि आखिर किन अंतर्निहित स्थितियों में छाती में जकड़न और बलगम की अधिकता हो सकती है, साथ ही इससे किस तरह से राहत पाया जा सकता है स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दी या फ्लू जैसे वायरस से संक्रमण की स्थिति में भी छाती में जमाव या भारीपन होना सबसे अधिक सामान्य माना जाता है। ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण बढ़ने की स्थिति में इस तरह की समस्या का खतरा अधिक होता है, यही कारण है कि कोरोना संक्रमण के कारण भी लोगों को छाती में इस तरह की समस्याएं अधिक हो रही हैं।
समान्यतौर पर सर्दी-जुकाम के कारण होने वाली छाती में जकड़न की समस्या 7-10 दिनों में ठीक हो जाती है, हालांकि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस जैसी समस्या को ठीक होने में तीन-चार महीने तक का भी समय लग सकता है। आइए जानते हैं कि छाती की इस तरह की समस्याओं से राहत कैसे पाया जा सकता है