राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का कहर जारी है। भारत में भी पिछले एक-दो हफ्तों से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक जहां रोजाना के आंकड़े 10 हजार से कम थे, वहीं अब पिछले दो दिनों से रोजाना 1.25 लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में देश में 1.79 लाख से अधिक नए संक्रमण के मामले सामने आए हैं, वहीं ओमिक्रॉन के मामले भी बढ़कर 4 हजार के आंकड़े को पार कर गए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक देश में ओमिक्रॉन के साथ-साथ डेल्टा से संक्रमण के मामले भी देखे जा रहे हैं, ऐसे में सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है। वहीं एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के कुछ हिस्सों में ओमिक्रॉन वैरिएंट का उपवंश BA.1 तेजी से बढ़ रहा है। महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में यह डेल्टा वैरिएंट की जगह लेता दिख रहा है। इस बारे में सभी लोगों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की गई। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं। आईएनएसएसीओजी के वैज्ञानिकों ने बताया कि सैंपलों के परीक्षण के दौरान हमें ज्यादातर नमूनों में ओमिक्रॉन के मूल स्ट्रेन से ज्यादा BA.1 उप-वंश की उपस्थिति देखने को मिल रही है। चूंकि उप-वंश एक ही वायरस परिवार से संबंधित होते हैं, इसलिए सैंपल टेस्टिंग के दौरान सभी को ओमिक्रॉन पॉजिटिव ही मान लिया जाता है। इस स्ट्रेन की प्रकृति को जानने के लिए अध्ययन किए जा रहे हैं, फिलहाल ओमिक्रॉन के तीन उपवंशों में सबसे ज्यादा BA.1 के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि संभवत: इसकी संक्रामता दर अन्य की तुलना में और अधिक हो सकती है। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि ओमिक्रॉन के जीनोमिक सीक्वेंस में 99 प्रतिशत BA.1 सब लीनिएज ही हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट पहले ही सबसे अधिक संक्रामक माना जा रहा है ऐसे में इसके BA.1 उप-वंश के बढ़ते मामलों ने चिंता और बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों से लगातार कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करते रहने की सलाह दी है, ताकि कोरोना के इस तेजी से बढ़ते प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।