ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति के बीमार होने की वजह से यह फैसला लेना पड़ा। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उसने इसे रुटीन एक्शन बताया है। साथ ही कहा कि मरीज में बीमारी की गंभीरता का अभी पता नहीं चल पाया है।
एस्ट्राजेनेका ने तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल के लिए 30 हजार वॉलंटियर्स के रजिस्ट्रेशन 31 अगस्त से शुरू किए थे। एस्ट्राजेनेका उन 9 कंपनियों में से एक है जिनके वैक्सीन के ट्रायल तीसरे यानी आखिरी फेज में हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बना रही लंदन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका को क्लीनिकल ट्रायल रोकनी पड़ी है।
बड़े ट्रायल्स में कभी-कभी ऐसा होता है, लेकिन इसका रिव्यू जरूर करना चाहिए। हम तेजी से इस काम को कर रहे हैं, ताकि ट्रायल की टाइमलाइन पर ज्यादा असर नहीं पड़े।” एस्ट्राजेनेका का कहना है, “ट्रायल के बीच किसी वॉलंटियर में समझ नहीं आने वाली बीमारी (अनएक्सप्लेन्ड इलनेस) सामने आती है तो, ट्रायल रोक देते हैं।