22 सितंबर तक बीते 180 दिनों में ग्वालियर में मरीजों का आंकड़ा 10 हजार तक पहुंच गया है। अगस्त माह से राजनीतिक गतिविधियां शुरू होने से संक्रमण दर भी तेजी से बढ़ी है। पिछले 54 दिन में 7300 से ज्यादा संक्रमित मरीज मिल चुके हैं।
ग्वालियर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): लॉकडाउन में काबू में रहा कोरोना अनलॉक की शुरुआत के साथ ही बेकाबू हो गया। शहर में कोरोना का पहला मरीज आज से ठीक छह माह पहले 24 मार्च को चेतकपुरी इलाके में मिला था।
अब भी राजनीतिक आयोजन एवं बाजारों में भीड़ लगी हुई है, जिससे कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। बच्चे, बुजुर्ग और जवान सभी इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं। जिले में अब तक 140 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके लिए तंत्र ही नहीं जन भी उतना ही जिम्मेदार है। हाई कोर्ट ने भी कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने का आदेश दिया, लेकिन पुलिस प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंगी।
अगस्त माह से जैसे ही राजनीतिक घटनाक्रमों की शुरुआत हुई तो प्रशासन भी सारे नियम टूटते मूक दर्शक बना देखता रहा। इसका परिणाम यह हुआ कि केवल अगस्त से 24 सितंबर के बीच 7300 से अधिक लोग संक्रमित हो गए। जून में अनलॉक होते ही लोगों ने घरों से निकलना शुरू कर दिया। बाजार खुलने के साथ नियम केवल कागजों में सिमटकर रह गए।
आपको बता दें कि जब पहला मरीज मिला तो जांच के लिए भी ग्वालियर पूरी तरह भोपाल और डीआरडीई के भरोसे था, अब जीआर मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल एवं निजी लैब में भी जांच का इंतजाम है। मरीजों के बढ़ने का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि 200-250 ऑक्सीजन सिलिंडरों की खपत अब 1200 तक पहुंच चुकी है। सरकारी कोविड सेंटरों में खाने एवं गंदगी की समस्या आम बात हो गई है, प्रशासन लाख प्रयास के बाद भी इंतजाम दुरूस्त नहीं कर पा रहा है।