
राष्ट्र आजकल (लाइफस्टाइल डेस्क): दक्षिण कोरिया में हुए एक अध्ययन के अनुसार, 10 में से 9 कोरोना वायरस रोगियों ने बीमारी से उबरने के बाद थकान, मनोवैज्ञानिक प्रभाव और गंध व स्वाद का महसूस न होना जैसे दुष्प्रभावों का अनुभव किया।
कोरोना महामारी एक भयानक रूप लेकर आई है, जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया, स्वास्थ्य प्रणालियों पर ज़बरदस्त दबाव डाल दिया और लोगों के जीने के तरीके को पूरी तरह से बदल कर रख दिया। यह शोध उस वक्त सामने आया, जब मंगलवार को दुनियाभर में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या एक मिलियन से अधिक हो गई।
काफी सारे साइड-इफेक्ट्स के साथ मनोवैज्ञानिक प्रभाव और गंध व स्वाद का महसूस न होना जैसे दुष्प्रभावों का भी अनुभव कर रहे हैं। कोविड-19 के 965 रोगियों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में पाया कि इनमें 91 प्रतिशत रोगी कोरोना से उबरने के बाद कम से कम एक साइड-इफेक्ट से जूझ रहे हैं। इनमें से थकावट सबसे आम साइड-इफेक्ट रहा, जिसे 26.2 प्रतिशत लोगों को प्रभावित किया। उसके बाद 24.6 प्रतिशत लोग एकाग्रता में कठिनाई महसूस कर रहे हैं।
कवॉन ने कहा कि किम शिन-वू, क्युंगपुक नेशनल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के डेगू में आंतरिक चिकित्सा के प्रोफेसर हैं, उन्होंने दक्षिण कोरिया में 5,762 बरामद मरीजों से टिप्पणी मांगी और उनमें से 16.7% ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि रिसर्च इस वक्त ऑनलाइन की गई थी, लेकिन प्रमुख शोधकर्ता किम जल्द ही विस्तृत विश्लेषण के साथ अध्ययन प्रकाशित करेंगे।
दक्षिण कोरिया कुछ 16 चिकित्सा संगठनों के साथ एक अलग अध्ययन कर रहा है, जिसमें प्रति वर्ष कोरोना से उबरे मरीजों पर सीटी स्कैन की मदद से विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा।
दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 23,812 तक पहुंच गई है, जिसमें से 21,470 लोग ठीक हो गए हैं और 413 लोगों की मौत हो गई है।