राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। देश के 12 राज्यों में हीट वेव यानी लू का असर शुरू हो चुका है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तापमान 43 डिग्री तक पहुंच चुका है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में यहां गर्मी और बढ़ेगी।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, केरल और सिक्किम में बारिश की संभावना जताई है। इसके अलावा पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में बर्फबारी का अनुमान जताया गया है।
इसके अलावा मध्य प्रदेश के 33 जिलों में ओले के साथ बारिश की संभावना बन रही है। इस दौरान 30 से 50 किलोमीटर प्रति-घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग ने बिहार के 24 जिलों में हीट वेव का यलो अलर्ट जारी किया है। यहां स्कूलों की टाइमिंग बदलने या फिर समय से पहले छुट्टी देने का निर्देश दिए गए हैं।
स्काइमेट की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश पर एक साइक्लोन सर्कुलेशन तैयार होता दिख रहा है, जबकि एक ट्रफ लाइन कर्नाटक से पूर्वी मध्य प्रदेश तक फैलेगी। इसके अलावा, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी पर एक एंटी साइक्लोन सिस्टम बन रहा है जो मौसम प्रणाली में नमी बनाएगा। इस आधार पर 17 या 18 अप्रैल तक हीट वेव से लोगों को राहत मिल सकती है।
इस सब के बीच देश में घनी आबादी वाले बड़े शहरों में ग्रीन स्पेस (हरियाली) और ब्लू एलिमेंट (जल स्रोत) का क्षेत्र घटने और ग्रे कवर (निर्मित क्षेत्र व बंजर जमीन) बढ़ने से ‘अर्बन हीट आईलैंड’ इफेक्ट तेजी से बढ़ रहा है। अधिकांश शहर तपते टापू के समान बन रहे हैं।
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरन्मेंट (CSE) ने 2014 से 2023 तक देश के 9 प्रमुख शहरों की स्टडी में पाया कि नागपुर, अहमदाबाद, चेन्नई, पुणे और जयपुर का 80 फीसदी से अधिक इलाका हीट सेंटर (बेहद गर्म) में तब्दील हो गया है।
हीट सेंटर बने शहरों में जमीनी सतह का तापमान गर्मियों में पिछले दस में से लगातार छह साल 42 से 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सैटेलाइट इमेज से सामने आया कि नागपुर का 97% हिस्सा भट्टी जैसा हो जाता है। मई 2017 में तो जयपुर का 99.54% हिस्सा हीट सेंटर बन गया।