राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । दिल्ली में रिपब्लिक डे की तैयारियों के बीच माहौल खराब करने की कोशिश की गई। गुरुवार सुबह पश्चिम विहार समेत 10 इलाकों में ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ और ‘रेफरेंडम 2020’ के नारे लिखे मिले, जिन्हें सूचना मिलने पर तुरंत हटा दिया गया। पुलिस ने कहा कि यह सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा नहीं है और इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने अंधेरे का फायदा उठाकर इस घटना को अंजाम दिया है। 26 जनवरी नजदीक है और हमारा फोकस सुरक्षा पर है। दिल्ली पुलिस की हर इकाई यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि कोई अप्रिय घटना न हो।
दिल्ली पुलिस के PRO सुमन नलवा ने बताया कि भारत में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) इस तरह की गतिविधियों के पीछे हो सकता है और यह खबरों में बने रहने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहा है। इंटरनेट की कोई सीमा नहीं है। वे जब भी कुछ करते हैं तो किसी और के नाम से करते हैं। यह थोड़ा मुश्किल है, लेकिन कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी, जो उनकी मदद कर रहे हैं।
SFJ एक प्रतिबंधित संगठन
SFJ एक प्रतिबंधित संगठन है और गुरपतवंत सिंह पन्नू इसका सरगना है। पन्नू भारत का वांटेड आतंकवादी है। वह मूल रूप से पंजाब के खानकोट का रहने वाला है। वह अमेरिका में रहता है। जहां उसने सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के नाम से खालिस्तानी आतंकी संगठन बनाया है। SFJ का हेडक्वार्टर US में है। काफी समय पहले केंद्र सरकार इस संगठन को गैरकानूनी करार दे चुकी है।
पन्नू भारत में नेताओं को धमकाने के साथ लाल किला पर तिरंगा लगाने जैसे कई घोषणाओं को लेकर विवादों में रह चुका है। इसके अलावा पन्नू विदेशों में भारत को तोड़कर अलग देश खालिस्तान बनाने के लिए रेफ्रेंडम भी करवाता रहता है। पंजाब में वह सरकारी इमारतों पर खालिस्तानी नारे लिखवाकर भी धमकी देता रहता है। उसके खिलाफ NIA में केस दर्ज है।
पहले भी सामने आ चुकी हैं ऐसी घटनाएं
इससे पहले पिछले साल 6 जुलाई को करनाल पुलिस ने दो शैक्षणिक संस्थानों की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखने के आरोप में पटियाला के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जिसकी पहचान मंजीत के रूप में हुई थी। जांच में सामने आया था कि आरोपी को इस काम को पूरा करने के लिए एक यूएस-आधारित व्यक्ति ने 1,000 अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया गया था।