राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। सितंबर-अक्तूबर का यह महीना देश में गर्मी से राहत देने वाला होता है पर इस दौरान कई तरह की बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इस मौसम में मच्छर जनित रोगों का जोखिम काफी आम है। डेंगू-चिकनगुनिया जैसे संक्रमण के कारण हर साल लाखों लोगों को अस्पतालों में भर्ती होना पड़ता है, यह हर साल हजारों मौत का कारण भी बनती है। हालिया रिपोर्ट्स में एक बार फिर से देश के कई राज्यों में डेंगू के बढ़ने की खबर है। दिल्ली, बेंगलुरु से लेकर पश्चिम बंगाल में अब तक हजारों लोगों में डेंगू की पहचान की जा चुकी है डेंगू बुखार एडीज मच्छरों के काटने से होता है। ये मच्छर ज्यादातर दिन के समय में काटते हैं। संक्रमित मच्छर के काटने से लक्षण नज़र आने (इनक्यूबेशन पीरियड) में 5-7 दिन लग सकते हैं। जिन लोगों में डेंगू संक्रमण का निदान होता है उनमें को तेज़ बुखार के साथ कई तरह की अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। डेंगू के लक्षण अन्य संक्रामक बीमारियों से मिलते-जुलते हो सकते हैं, ऐसे में विशेषज्ञों से मिलकर स्थिति के सही निदान के लिए जांच जरूर करा लें डेंगू के लगभग 80 से 90 प्रतिशत रोगियों में इसका स्तर 1 लाख से नीचे हो जाता है। 10 से 20 प्रतिशत रोगियों में गंभीर रूप से यह 20 हजार या उससे कम हो सकता है। यह गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकती है। इस स्थिति में रोगी को अतिरिक्त ब्लड प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता होती है। डेंगू के बढ़ते खतरों से बचे रहने के लिए सभी लोगों के लिए मच्छरों से बचाव करना बहुत आवश्यक हो जाता है। बचाव के लिए पूरी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें, जिससे मच्छरों से बचाव किया जा सके। जिन स्थानों पर डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया बुखार का संक्रमण है उन स्थानों पर जाने से बचें। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना सबसे सुरक्षित माना जाता है। यदि आपको 3-4 दिनों से तेज बुखार की दिक्कत है तो डॉक्टर की सलाह पर खून की जांच जरूर करा लें, जिससे स्थिति का समय रहते सही निदान किया जा सके।