घटना की प्राथमिकी मृतक की पत्नी उज्जी देवी ने थाने में दर्ज करवाई थी और अदालत के समक्ष 11 गवाह पेश किए गए थे। इसी मामले में ग्राम प्रधान जगमोहन और रामसेवक को अदालत ने साक्ष्य न मिलने पर बरी कर दिया है।

बांदा (उप्र): यह वारदात 27 जून 2015 को अपरान्ह तीन बजे घटित हुई थी।; अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने पांच साल पूर्व एक व्यक्ति की लाठी-डंडों से पीटकर हत्या कर के मामले में दोषी पाए गए उसी के परिवार के आठ लोगों को सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई और जुर्माना लगाया है।
बांदा जिले के सहायक शासकीय अधिवक्ता आशुतोष मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि ‘अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद कालिंजर थाने के परसहर गांव में हीरालाल यादव (40) की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या के मामले में मंगलवार को उसी (मृतक) के परिवार के झम्मन यादव, विश्वनाथ, रामसजीवन, रामभरोसा, रामप्रताप (मृतक का भाई), छोटा यादव (भतीजा), दाऊ यादव और शिवमोहन को उम्रकैद की सजा सुनाई है और प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।’
हीरालाल की इलाज के लिए अस्पताल ले जाते समय मौत हो गयी थी। उन्होंने बताया कि ‘यह वारदात 27 जून 2015 को अपरान्ह तीन बजे घटित हुई थी। उस समय हीरालाल अपनी बेटियों उर्मिला, सुनीता और भूरी के साथ झगड़े की शिकायत करने थाने जा रहा था, तभी सभी दोषियों ने एकराय होकर उसे लाठी-डंडों से पीटकर घायल कर दिया था।’
इसी मामले में ग्राम प्रधान जगमोहन और रामसेवक को अदालत ने साक्ष्य न मिलने पर बरी कर दिया है। मिश्रा ने बताया कि ‘दोषी ठहराए गए परिवार के सदस्य मृतक के घर एक बाहरी महिला के आने-जाने से खफा थे। घटना की प्राथमिकी मृतक की पत्नी उज्जी देवी ने थाने में दर्ज करवाई थी और अदालत के समक्ष 11 गवाह पेश किए गए थे।’