राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | कहीं खाना पकाने के लिए सरसों का तेल उपयोग में लाया जाता है तो कहीं नारियल का। कहीं डीप फ्रायड भोजन को पसंद किया जाता है तो कहीं भाप में पके भोजन को। भाप में पके भोजन को दुनियाभर में कई जगह पसंद किया जाता है। क्या वाकई इस तरह से भोजन पकाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है भारतीयों की पहचान है मसालों, छौंक या तड़के के साथ बना भोजन। लेकिन पानी में उबालकर या भाप में पकाकर भोजन बनाना भी हमारे किचन का पारम्परिक तरीका रहा है। भाप में पके खाने में अक्सर बहुत अधिक मसाले और तड़के का प्रयोग नहीं होता। इसके बावजूद मोमोज़, इडली, जैसे व्यंजन सभी को पसंद आते हैं। हाँ इनके साथ हम चटनी या सांबर के रूप में तड़का जरूर परोस देते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भाप में पका भोजन स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद होता है। जानिए क्यों होता है ऐसा? कम तेल-घी, मसालों की वजह से भाप में पके भोजन से कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने, ह्रदय को नुकसान पहुंचने, शुगर आदि के स्तर के असंतुलित होने की आशंका कम हो जाती है। इसकी वजह से वजन भी संतुलित रहता है। दुनियाभर में जहां भी इस तरह का भोजन अधिक किया जाता है वहां आमतौर पर लोग दुबले और फिट रहते हैं। कोरोना की वजह से आजकल सभी वजन को संतुलित रखने और फिट रहने की ओर अधिक ध्यान दे रहे हैं। ज्यादातर लोग वेट लॉस के लिए या सेहत के हिसाब से भी सब्जियां या सलाद अधिक खाने की कोशिश करते हैं। यह एक अच्छी आदत है। लेकिन कच्ची सब्जियां या सलाद कई बार पेट के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकते हैं। अगर इन्हें भाप में थोड़ी देर भी पका लिया जाए तो इनका फायदा कई गुना बढ़ सकता है। एक तो नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक तत्व खत्म हो जायेंगे, दूसरे पचने में भी यह अधिक आसान रहेगा। आप चाहें तो इन सब्जियों या सलाद पर नीबू, काली मिर्च, दही आदि की ड्रेसिंग भी कर सकते हैं। इससे इनका स्वाद भी बढ़ेगा और पोषण भी।