राष्ट्र आजकल/पुण्य प्रताप सिंह/पन्ना
देवेंद्रनगर, जिला पन्ना (मध्यप्रदेश): केंद्र सरकार ने बमीठा से सतना तक फोरलेन सड़क बनाने की मंजूरी दे दी है, लेकिन इसके रूट की दिशा अभी तय नहीं की गई है। इससे देवेंद्रनगर के नागरिकों में चिंता गहरा गई है, क्योंकि प्रस्तावित योजना के तहत नगर के मुख्य हिस्से से सड़क चौड़ीकरण होने की संभावना है, जिससे कई महत्वपूर्ण संस्थाएं और नागरिक सुविधाएं प्रभावित हो सकती हैं।
चिंताएँ और प्रभाव:
संस्थाओं पर असर: सड़क चौड़ीकरण के लिए मुख्य सड़क के दोनों किनारे स्थित अस्पताल, तहसील, स्कूल, नगर परिषद, मंदिर, रेंज ऑफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और अन्य महत्वपूर्ण कार्यालयों को हटाना पड़ सकता है। *सबसे महत्व पूर्ण बात यह की लगभग चार से पांच किलोमीटर सड़क के किनारे- किनारे बसे इस नगर के लगभग 850 घरों के लोग बेघर हो जाएंगे।इससे नगर की मौजूदा संरचना और नागरिकों की सुविधा पर सीधा असर पड़ेगा।
- आर्थिक और सामाजिक संकट: इस प्रक्रिया के चलते कई परिवारों को अपनी जन्मभूमि छोड़नी पड़ सकती है। इससे नगर की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। नागरिकों को अपनी संपत्तियों की बिक्री में कठिनाइयाँ आ रही हैं और किराया बढ़ने के कारण उनकी जीवनशैली प्रभावित हो रही है।
बाईपास निर्माण की मांग:
- विधायकों और सांसदों की अपील: स्थानीय विधायक और सांसदों ने केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री से बाईपास सड़क बनाने की मांग की है। बाईपास के निर्माण से नगर की मौजूदा संरचना को सुरक्षित रखा जा सकेगा और यातायात की समस्या का समाधान होगा।
- सरकारी प्राथमिकताएं: बाईपास निर्माण की प्राथमिकता पर सरकार की स्पष्टता की कमी नागरिकों की चिंताओं को बढ़ा रही है।
भविष्य की अनिश्चितता:
- रेलवे लाइन निर्माण: देवेंद्रनगर में रेलवे लाइन का निर्माण स्वतंत्रता के बाद से नहीं हुआ है। खजुराहो से सतना तक रेलवे लाइन निर्माणाधीन है, जो धीमी गति से चल रहा है। इसके आने से नगर के विकास की उम्मीदें थीं, लेकिन सड़क चौड़ीकरण की योजना से ये आशाएँ धूमिल हो सकती हैं।
- फोरलेन का भविष्य: बढ़ते यातायात के मद्देनजर फोरलेन का भविष्य लंबे समय तक उपयोगी नहीं हो सकता। जब सरकार पुनः सिक्स लेन का निर्णय लेगी तो क्या बार बार इसी तरह नगर को उजाड़ती रहेगी। सरकार के निर्णय में दूरदर्शिता की कमी के चलते नागरिकों की चिंताएँ बढ़ रही हैं।
नागरिकों की अपील:
- सड़क चौड़ीकरण और बाईपास: नगरवासियों का कहना है कि अगर सड़क चौड़ीकरण पर अडिग रहा गया, तो सौ साल पुराना शहर संकट में पड़ सकता है। वे न्यायालय और आंदोलन की भी तैयारी कर रहे हैं और बाईपास निर्माण की योजना को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं।
- सरकारी जिम्मेदारी: नागरिकों का कहना है कि सरकार को उनके साथ अन्याय करने का अधिकार नहीं है और इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
निष्कर्ष: देवेंद्रनगर की वर्तमान स्थिति और भविष्य की अनिश्चितताओं को देखते हुए, नागरिकों की अपील है कि सरकार बाईपास निर्माण को प्राथमिकता दे और सड़क चौड़ीकरण की योजना पर पुनर्विचार करे।