धर्म संसद के सभी सदस्य मिलकर तय करेंगे की रामलला के साथ अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में कौन-कौन विराजेगा। मंदिर का कोई अनुमानित बजट नहीं है। मंदिर के साथ कई अन्य भवन भी बनेंगे। भगवान राम पर शोध करने के लिए शोध संस्थान, संतों के प्रवचन के लिए सभागार, राम जन्मभूमि से जुड़े इतिहास की जानकारी देने वाला संग्रहालय आदि होंगे। मंदिर निर्माण में हर कोई अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार सहयोग दे रहा है। इसके लिए कोई जोर जबरदस्ती नहीं है।यह बात राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी कामेश्वर चौपाल ने सोमवार को कही। वे प्रेस क्लब में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों के सवाल के जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मंदिर के एक मंजिल के पत्थरों को तराशने का काम पूरा हो चुका है। निर्माण में सीमेंट, छड, रेत का उपयोग नहीं होगा। 36 से 40 महीने में मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्षय रखा गया है। अभी भी राम के दर्शन के लिए 10 हजार लोग प्रतिदिन आते हैं। राम मंदिर के निर्माण के बाद अनुमान है कि यह संख्या एक से डेढ़ लाख तक हो जाएगी। निर्माण के लिए 70 देशों से भक्तों ने शिलाएं भेजी।