राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । इंदौर के नजदीक बाइग्राम में दो बच्चों की मौत ने एक पिता को दर्द में ऐसा झकझोर दिया कि वह बड़े बेटे का शव लिए पूरी रात घूमता रहा। वह बेटे के शव को कभी हिलाता, कभी सिर पर हाथ फेरता। कभी नाक के यहां हाथ रखकर सांसें देखता, कभी कान छाती पर रखकर धड़कन सुनने की कोशिश करता रहा वह मृत बच्चे का इलाज कराने तीन डॉक्टरों के पास गया। देर रात तय किया कि सुबह युवराज को इंदौर जाकर दिखाएंगे। वे बड़वाह से रवाना हुए तो इंदौर जाते समय रास्ते में उनका गांव बाइग्राम पड़ता है। मां-बाप ने सोचा कि बड़े बेटे की बॉडी को घर ही रख देते हैं। वह गांव में गाड़ी से उतरा और लाश को घर में रख दी। वापस गाड़ी में बैठे ही थे कि उसका मन नहीं माना। वह फिर गाड़ी से उतरा और घर से यह सोचकर वापस बड़े बेटे की बॉडी उठा लाया कि इंदौर तो जा ही रहा हूं, इसे भी वहां एक बार और दिखा लेता हूं। वह बड़े बेटे के शव को लेकर वापस गाड़ी में बैठ गया। रास्ते में वह बेटे से कभी बात करता तो कभी जिंदा होने की आस से देखता। सोचता अभी ये आंखें टिमटिमा कर उठ जाएगा। पर इंदौर आते-आते उसके एक और बेटे युवराज की मौत हो गई। इसी बीच तीसरे बेटे नैतिक की हालत गंभीर हो गई। उसे इंदौर लाकर चाचा नेहरु अस्पताल में भर्ती किया है। मां उसी के पास है। पिता ने दोनों बेटों का गांव जाकर गांव के लोगों की मदद से अंतिम संस्कार किया।
दोनों मासूमों का पोस्टमॉर्टम नहीं होने से जांच उलझ गई है। इलाज करने वाला झोलाछाप डॉक्टर भी गायब है जबकि स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयां जब्त कर दलिया के सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे हैं। इसके साथ ही गांव और आसपास लार्वा के सैंपल भी लिए हैं। बात यह कि परिवार को पानी, दलिया और डॉक्टर के इलाज तीनों को लेकर कोई संशय नहीं है। दूसरी ओर वाकई यह परिवार इतनी आर्थिक तंगी में जूझ रहा है कि उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं होते। ऐसे में संभव है कि जब बच्चे तीन-चार दिन से बीमार थे तो तंगी के कारण उसने डॉक्टर को नहीं दिखाया और उनकी हालत बिगड़ती गई। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाइग्राम और आस-पास के गांव में लार्वा सर्वे किया। बीएमओ डॉ. फैजल अली ने बताया कि सर्वे में कुछ जगहों पर लार्वा मिला था, जिसे नष्ट किया गया। इसके साथ ही एक टीम सैंपल के लिए गई थी। लेकिन एक भी केस नहीं मिला। बच्चों का इलाज करने वाला डॉक्टर फरार है। क्लीनिक के साथ ही दतोदा में उसके घर पर ताला लगा हुआ है। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि अभी तक नैतिक की ब्लड व अन्य रिपोर्ट नहीं आई है। उधर, गुरुवार को बाइग्राम के पास ग्राम गांजिदा में 9 वर्षीय ललित भी बीमार मिला है। उसे दो दिन से उल्टी-दस्त के साथ बुखार आ रहा है। उसे चाचा नेहरु अस्पताल इंदौर रैफर किया गया है। इसी गांव में डेंगू का भी एक मरीज मिला है।