राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । ड्रैगन की चालबाजी एकबार फिर खुलकर सामने आ गई है। चीन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के खलीफा पोर्ट पर चुपचाप एक मिलिट्री बेस बना रहा था। इसे अमेरिका ने रुकवा दिया है। चिंता की बात यह है कि इस बारे में UAE को भी जानकारी नहीं थी।
चीन जिस पोर्ट पर अपना बेस बना रहा था, वह अबु धाबी के उत्तर में 80 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां चीनी कंपनी चाइना ओसियन शिपिंग (ग्रुप) कंपनी COSCO शिपिंग समूह ने यहां पर एक बड़ा कॉमर्शियल कंटेनर टर्मिनल बनाया है। चीन ने जांच से बचने के लिए लंबे समय तक इस साइट को कवर करके रखा था, लेकिन मौका मिलते ही अमेरिका ने अपनी सैटेलाइट से उसे कैप्चर कर लिया।
रिपोर्ट सामने आने के बाद UAE की सफाई भी सामने आ गई है। संयुक्त अरब अमीरात ने चीनी कंस्ट्रक्शन के बारे में किसी तरह की जानकारी होने से इनकार किया है। चीन के इस कदम से दो पुराने सहयोगियों के बीच दरार पड़ती नजर आ रही है। UAE ने इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ बैठक करनी शुरू कर दी है। UAE ने साफतौर पर कहा है कि सीक्रेट मिलिट्री बेस के लिए उन्होंने चीन से कोई करार नहीं किया है।
चीन ने खाड़ी देशों में पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। सीक्रेट मिलिट्री बेस पर चीन ने कोई जवाब नहीं दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद से मिलकर चीन को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। बाइडेन ने जायद से सीधे कहा था कि अबु धाबी की चीन से बढ़ती नजदीकी अमेरिका से उनके संबंध खराब होने का कारण बन सकती है।