कांग्रेस में भी दोनों के बीच कड़ी प्रतिद्वंद्विता थी। दोनों ही महल से जुड़े हुये थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में सुनील शर्मा ने ग्वालियर विधानसभा से टिकट मांगा था, लेकिन महल की पसंद के कारण प्रद्युम्न सिंह तोमर को टिकट मिला था।
ग्वालियर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): कांग्रेस ने ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव के लिये सुनील शर्मा की उम्मीदवारी घोषित कर दी है। भाजपा से ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की उम्मीदवारी तय है। केवल अधिकारिक रूप से घोषणा होना शेष है। इससे साफ है कि मुकाबला प्रद्युम्न सिंह व सुनील शर्मा के बीच होगा।
कांग्रेस में टिकट की दौड़ में हमेशा प्रद्युम्न सिंह तोमर, सुनील शर्मा पर भारी पड़े हैं। इसके बाद भी सुनील शर्मा क्षेत्र में सक्रिय रहे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ द्वारा टिकट के लिये कराये गये सर्वे में सुनील शर्मा आगे रहे। प्रदेश नेतृत्व ने टिकट मिलने की हरी झंडी उन्हें काफी समय पहले दे दी थी।प्रद्युम्न सिंह तोमर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गये। महल से जुड़े होने के बावजूद सुनील शर्मा कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े रहे। उन्होंने सिंधिया के साथ भाजपा में जाने की बजाय कांग्रेस में ही रहने का फैसला किया। इसके परिणामस्वरूप कांग्रेस ने सुनील शर्मा को उपचुनाव ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है।
क्योंकि कुछ लोगों ने विश्वासघात सिर्फ कांग्रेस के साथ ही नहीं, क्षेत्र की जनता के साथ भी किया है। क्षेत्र के लोगों ने कांग्रेस की नीतियों पर भरोसा कर उन्हें जीतकर भेजा था, लेकिन निजी स्वार्थों के लिए वह भाजपा की गोद में बैठ गये। इस विश्वासघात का जवाब क्षेत्र के लोग अपने मत से देंगे। टिकट मिलने की सूचना सुनील को धरने पर मिलीः सुनील शर्मा को ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से अधिकृत प्रत्याशी घोषित किये जाने की सूचना किला गेट पर धरने के दौरान मिली। सुनील शर्मा ने इसे क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का सम्मान बताया। नईदुनिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि यह चुनाव जनता लड़ रही है।