जुलाई में रोजाना औसतन 62 संक्रमित मिले और प्रतिदिन औसतन 997 लोगों की जांच की गई। सितंबर में रोजाना औसतन 197 मरीज मिले, लेकिन औसत सैंपल की संख्या केवल 1000 रही। बीते सात दिनों में निजी लैब व अस्पतालों में हर रोज संक्रमण के 44 (औसतन) मामले सामने आए हैं। जबकि अगस्त में यह आंकड़ा एक दर्जन से भी कम रहता था।

ग्वालियर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): चिंताजनक बात यह है कि जिस तेजी से संक्रमण दर बढ़ रही है, उसके अनुपात में सैंपल लेने की संख्या में तेजी देखने को नहीं मिल रही। शहर में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति भयावह होती जा रही है। जुलाई में शहर की संक्रमण दर 6.41 थी, जो सितंबर में बढ़कर 11.54 पर पहुंच गई है।
संक्रमितों के संपर्क में आने वाले लोगों की ही सैंपलिंग कराई जाए तो प्रतिदिन 591 लोगों की सैंपलिंग हो सकेगी और समय रहते संक्रमितों का पता चल जाएगा। सितंबर में संक्रमण के रोज औसतन 197 मामले सामने आ रहे हैं। एक संक्रमित से कम से कम तीन लोग संपर्क में रहते हैं।
यही कारण है कि सर्विस प्रोवाइडरों जैसे दुकानदार, आटोचालक, ठेले वाले व अन्य के सैंपल नहीं लिए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल मोबाइल यूनिट बंद कर दी है। पूर्व में पूल सैंपलिंग या हाटस्पाट क्षेत्र में एक दिन में ही बड़ी संख्या में लोगों की सैंपलिंग हो जाती थी।
बीते सात दिन में कुल 310 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इन सभी ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर निजी लैब व अस्पताल में जांच कराई।