इसके बाद भी प्रशासन ने सरकारी अस्पतालों में पलंगों की संख्या में बहुत मामूली बढ़ोतरी की। उसमें भी अधिकांश पलंग ऐसे हैं, जहां मरीज को केवल भर्ती किया जा सकता है।

ग्वालियर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): शहर में जिस तेजी से कोरोना वायरस पैर पसार रहा है, प्रशासन उसके मुकाबले में तैयारी करने में फेल साबित हो रहा है। बीते 23 दिनों (21 अगस्त से 12 सितंबर) की ही बात करें तो शहर में हर रोज औसतन 176 मामले सामने आए।
जानकारी के अनुसार 10 सरकारी अस्पतालों (737 पलंग) में ही मरीजों को ऑक्सीजन देने की व्यवस्था है। इसके अलावा 10 निजी हाॅस्पिटल (437 पलंग) में भी इस प्रकार की सुविधा है। यहां बता दें कि शहर में एक्टिव केस की संख्या 2086 से ज्यादा है। आवश्यकता पड़ने पर उसे ऑक्सीजन नहीं दी जा सकती। यह स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि कोरोना के कई मरीजों को शुरुआती दिनों में ऑक्सीजन देनी पड़ रही है। यही कारण है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत में कई गुना की वृद्धि हुई है।
हालांकि यह संख्या आने वाले दिनों में इसलिए कम पड़ सकती है क्योंकि हर रोज औसतन 176 केस सामने आ रहे हैं, जबकि डिस्चार्ज केवल 111 ही हो रहे हैं।21 अगस्त काे सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा वाले पलंगों की संख्या 630 थी, जो 11 सितंबर तक बढ़कर 737 पहुंच गई है। निजी अस्पतालाें में 21 अगस्त तक 352 पलंग (ऑक्सीजन वाले) थे, जो अब बढ़कर 437 हो गए हैं।
शनिवार काे 172 नए संक्रमित मिले। रिकाॅर्ड के मुताबिक सरकारी विभागों में सबसे अधिक अर्धसैनिक बलाें के 338 जवान संक्रमित हुए है। इनके अलावा डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ संक्रमिताें का इलाज करते हुए संक्रमण की चपेट में आए। इनमें से एक सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थ ऊषा चकाैटिया काे जान गंवानी पड़ी। ग्वालियर में पिछले 173 दिन में 8274 लोग काेराेना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 117 लोगों की मौत हो चुकी है। पहला मरीज 24 मार्च काे मिला था।
शनिवार को आई रिपोर्ट में गस्त का ताजिया निवासी मप्र के पूर्व महाधिवक्ता के बेटे, बहू और दो पोते कोरोना संक्रमित निकले हैं। उन्हें कुछ दिन से बुखार, खांसी की शिकायत थी जिसके बाद उन्होंने टेस्ट कराया था जो पॉजिटिव आया है। इसके अलावा बीएसएफ टेकनपुर के 16 जवान और संक्रमित निकले हैं।
एसबीआई की मोतीमहल ब्रांच के हेड कैशियर, सिटी सेंटर एसबीआई में 38 वर्षीय प्रबंधक, सिटी सेंटर स्थित बजाज फाइनेंस के कलेक्शन ऑफिसर भी संक्रमित पाए गए हैं। जेएएच के रेडियोलॉजी में पदस्थ जूनियर डॉक्टर की मां, आईसीयू में ड्यूटी कर चुके मेडिसिन का जूनियर डॉक्टर, गेंडेवाली सड़क निवासी 23 वर्षीय दिल्ली एम्स के मेडिकल छात्र, जेएएच की नर्सिंग छात्रा, निजी एक्सरे सेंटर का टेक्नीशियन भी जांच में संक्रमित निकला है।
इसी तरह सिकंदर कंपू के सिटी सेंटर स्थित फोरेंसिक विभाग में पदस्थ 27 वर्षीय आरक्षक, 14 बटालियन के 24 वर्षीय आरक्षक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बीएसएफ टेकनपुर के 16 जवान व सीआरपीएफ पनिहार से दो जवान भी संक्रमित निकले हैं। कंपू स्थित एटीएस ऑफिस में पदस्थ तीन आरक्षक संक्रमित मिले हैं।
आम लोगों को चाहिए कि यदि उनमें कोरोना के लक्षण आ रहे हैं तो तुरंत विशेषज्ञ को दिखाएं ताकि समय पर जांच होने के साथ इलाज किया जा सके।जीआरएमसी के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विजय गर्ग का कहना है कि अब जो संक्रमित मरीज आ रहे हैं उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन बहुत कम होता है। समय रहते यह लोग विशेषज्ञ को दिखाकर यदि इलाज लें तो वह पूरी तरह ठीक होकर घर जा सकते हैं।





