उन्होंने बयान दिया कि ग्वालियर-चम्बल की राजनीति और विकास में मैंने कभी दखल नहीं दिया।
ग्वालियर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): ये उपचुनाव नहीं है बल्कि चम्बल में विकास के चुनाव है। ग्वालियर दौरे के दूसरे दिन पूर्व सीएम कमलनाथ मीडिया से रूबरू हुए। लेकिन अब परिस्थिति बदल गई है। अब ये मेरी प्राथमिकता में शामिल है।
प्रदेश में जितने उद्योग नहीं लगे हैं उससे कहीं ज्यादा चम्बल मालनपुर में बंद हो गए हैं। पिछले कई सालों से ग्वालियर-चम्बल उपेक्षित रहा है। ये उपचुनाव नहीं है बल्कि चम्बल में विकास के चुनाव है।
हमने 15 साल का हिसाब नहीं मांगा। हमारा संविधान इस चुनाव में दांव पर लगा है’। सबका अपना तरीका होता है। में किसी की आलोचना नहीं करना चाहता हूं। लेकिन तस्वीरें सबके सामने है।
पूर्व सीएम ने आगे कहा कि ‘ये लोग मुझसे हिसाब मांगते हैं।