Gwalior समाचार : ग्वालियर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि)। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति को चिर स्थायी बनाए रखने के लिए उनके निधन के दो साल गुजरने के बाद भी उनकी कर्म भूमि ग्वालियर में कोई बड़ा काम धरातल पर नहीं हो सका। अटल जी की शुरूआती स्कूली शिक्षा शहर के जिस गोरखी स्कूल में हुई, उस भवन को सँवारने और मॉडल स्कूल बनाने की आठ वर्ष पहले घोषणा भी हुई।पांच करोड़ का प्रोजेक्ट भी तैयार हुआ,लेकिन यह कवायद कागजी खानापूर्ति तक ही सीमित रही ! ग्वालियर के विकास को लेकर 24 अक्टूबर 2012 को बैठक आयोजित हुई थी। इसमें तत्कालीन महापौर व सांसद भी मौजूद थे। उसी बैठक में गोरखी स्कूल के जीर्णोद्धार की कार्ययोजना बनाने के आदेश दिए गए। तत्कालीन राज्यसभा सांसद प्रभात झा का प्रस्ताव था कि स्कूल भवन को उसके वास्तविक स्वरूप में संरक्षित कर अटल जी का संग्रहालय बनाया जाना चाहिए।
इस पर सहमति बनी और तत्कालीन सांसद यशोधरा राजे सिंधिया, राज्यसभा सदस्य प्रभात झा व कप्तान सिंह सोलंकी ने अपनी-अपनी निधि से एक-एक करोड़ रुपए देने की घोषणा कर दी।
तत्कालीन ग्वालियर महापौर समीक्षा गुप्ता ने भी 50 लाख स्वीकृत कर दिए थे। अब स्मार्ट सिटी के हवाले योजना गोरखी स्कूल भवन को लोक निर्माण विभाग ने जर्जर घोषित कर दिया।
एक साल पहले इस प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया। भवन के रखरखाव और पूर्व पीएम की याद में डिजिटल लाइब्रेरी बनाने का करीब पांच करोड़ का नया प्रस्ताव तैयार किया गया। इसमें जनप्रतिनिधियों ने अधिक दिलचस्पी नहीं ली और प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में पड़ गया।