हाई कोर्ट ने प्रदेश के दो पैरामेडिकल कालेजों के बैंक एकाउंट सीज, 24 घंटे के भीतर छात्रवृत्ति की राशि वसूलने के दिए निर्देश
राष्ट्र आजकल /प्रतिनिधि
जबलपुर हाई कोर्ट ने प्रदेश के बहुचर्चित पैरामोडिकल कालेज छात्रवृत्ति घोटाले में सख्ती बरती है। इसी के साथ राज्य शासन को 24 घंटे के भीतर छात्रवृत्ति की राशि वसूलने के निर्देश दे दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान पूर्व निर्देश के पालन में राज्य शासन की ओर से रिपोर्ट पेश कर अवगत कराया गया कि एक संस्था से चार लाख व एक अन्य से 76 हजार रुपये वसूल किए हैं। शेष बचे हुए पैरामेडीकल संस्थाओं से वसूली हेतु आरआरसी तथा कुर्की वारंट भी जारी किए जा चुके हैं। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए दोपहर दो बजे पुन: केस की सुनवाई निर्धारित की।लंच के बाद सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि दो कालेजों के बैंक अकाउंट सीज कर दिए गए हैं शेष के विरुद्ध भी त्वरित रूप से कार्यवाही की जा रही है। कोर्ट ने बची हुई राशि वसूलने के लिए एक दिन की मोहलत दी।
मप्र ला स्टूडेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल ने जनहित याचिका दायर कर हाई कोर्ट को बताया था कि प्रदेश के सैकड़ों निजी पैरामेडिकल कालेज संचालकों ने फर्जी छात्रों को प्रवेशित दिखाकर सरकार से करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति की राशि हड़प कर ली थी। इस मामले में शिकायतों के बाद जब जांच हुई तो पाया गया कि जिन छात्रों के नाम पर राशि ली गई थी वह कभी एग्जाम में बैठे ही नहीं थे। इसके अतिरिक्त एक ही छात्र के नाम पर कई कालेजों में एक ही समय में छात्रवृत्ति निकाली गई थी। मामले में जांच के बाद प्रदेश भर में 100 से ज्यादा कालेज संचालकों पर FIR दर्ज हुई थी। पूरे प्रदेश में निजी पैरामेडीकल कॉलेजों से करोड़ों रुपये की वसूली के आदेश जारी हुए थे लेकिन अधिकारियों और कालेजों की मिलीभगत से अभी तक वसूली लंबित है।