राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। लिमिट से ज्यादा रेडिएशन के चलते फ्रांस में सरकार ने आईफोन-12 की सेल पर बैन लगा दिया है। इस पर अमेरिकी टेक कंपनी एपल ने एक सॉफ्टवेयर अपडेट लाने का वादा किया है। उसका दावा है कि इससे एक्सेस रेडिएशन की समस्या ठीक हो जाएगी। फ्रांस ने इस फैसले का स्वागत किया है। उधर, एपल को भी उम्मीद है कि सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद फ्रांस ये बैन हटा लेगा।
फ्रांस ने दावा किया है कि आईफोन-12 मॉडल यूरोपियन यूनियन (EU) के स्टैंडर्ड से ज्यादा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का एमिशन करता है।
एपल ने कहा- सेफ्टी कंसर्न का विषय नहीं
फ्रांस के इस फैसले पर एपल ने कहा, ‘फ्रांस के रेग्युलेटर्स के प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए हम यूजर्स के लिए एक सॉफ्टवेयर अपडेट जारी करेंगे।’ एपल ने स्पष्ट किया है कि इसमें सेफ्टी को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है यह मसला सिर्फ फ्रांस के रेग्युलेटर्स के एक स्पेसिफिक टेस्टिंग प्रोटोकॉल से जुड़ा है।
डिजिटल मिनिस्ट्री ने कहा, ‘देश का रेडिएशन वॉचडॉग, सॉफ्टवेयर अपडेट की तेजी से टेस्टिंग करने की तैयारी कर रहा है, ताकि पता लग सके कि यह EU के स्टैंडर्ड के दायरे में है या नहीं। अगर यह ज्यादा होगा तो आईफोन-12 की बिक्री पर रोक जारी रहेगी।’
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस में आईफोन-12 की रेडिएशन कंट्रोवर्सी को लेकर एपल ने अपने टेक सपोर्ट स्टाफ से किसी भी तरह की बयानबाजी करने या जानकारी देने से मना किया है। स्टाफ से कहा गया है कि अगर ग्राहक इस बारे में सवाल करें तो उनसे कहा जाए कि हमारे पास इस विषय में कोई जानकारी नहीं है।
2020 में लॉन्च हुआ था आईफोन-12, अब फेज आउट प्रोसेस में है
एपल ने आईफोन-12 मॉडल को 2020 में लॉन्च किया था। ये कंपनी का पुराना मॉडल है। हाल ही में एपल ने आईफोन-15 सीरीज के मॉडल लॉन्च किए हैं, जबकि आईफोन-12 अब फेज आउट यानी धीरे-धीरे बंद होने की प्रोसेस में है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एपल ने पिछले साल यूरोप में 5 करोड़ से ज्यादा आईफोन बेचे थे और 95 अरब डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया था। अमेरिका के बाद यूरोप, कंपनी के लिए दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है।