सरकार 10 साल पुराने लैपटॉप खरीदने जा रही है। इनकी कीमत 20 हजार रुपए है, लेकिन सरकार यह 50 हजार रुपए में खरीदेगी।
भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने एक बयान में कहा कि अब लैपटॉप के नाम पर शिवराज सरकार बड़ा फर्जीवाड़ा करने जा रही है। इसकी खरीदी प्रक्रिया में जमकर अनियमितता है और इसको लेकर अजीबो-गरीब शर्त रखी गई है।
आश्चर्य की बात यह है कि इसकी अनुमानित कीमत सिर्फ 20 हजार है और सरकार इसके लिए 50 हजार का भुगतान करेगी। वर्ष 2012-2013 में इस जेनरेशन के लैपटॉप बनते थे। अब यह लैपटॉप कंपनियों ने बनाना बंद कर दिया है। सलूजा ने कहा कि प्रदेश के सभी पटवारियों को सरकार ने लैपटाॅप देने की योजना बनाई है। जिसके तहत कुछ शर्तें भी तय की गई हैं। बाकायदा विभागीय आदेश जारी कर निर्देश दिया गया है कि 6वें जेनरेशन के प्रोसेसर वाला खरीदी लैपटॉप मान्य होगा।
मजे की बात है कि 8-10 साल पुराने लैपटाॅप की देखरेख भी 7 साल तय की गई है। यानि वर्षों पुराने प्रोसेसर के लैपटाॅप वर्ष 2020 में खरीदे जाएंगे और उनकी उम्र 7 सात तक वैध रहेगी। जानकारी के अनुसार 29 सितंबर को राजस्व विभाग ने आदेश जारी कर लैपटाॅप खरीदी की शर्तें तय की हैं। जिसमें कहा गया है कि 6वें जेनरेशन के प्रोसेसर वाला लैपटाॅप या इसके समकक्ष मान्य है, जो अब बंद हो चुके हैं।
मगर सरकार ने पटवारियों को खुद ही खरीदने के लिए कहा है। जानकारों का कहना है कि आई-5 के लैपटाप बाजार में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पुराने ही लैपटॉप की खरीदी होगी और भुगतान 50 हजार का। जबकि मौजूदा समय पर आई-9 प्रोसेसर के लैपटॉप बाजार में बिक रहे हैं। खास बात है कि जैम के जरिए लैपटॉप खरीदा जाना था।
जबकि जैम के माध्यम से खरीदी होने पर शासन विभिन्न वेंडरों से बेहतर शर्तों पर कम कीमत पर आई-9 प्रोसेसर के लैपटाप खरीद सकती है, लेकिन घोटालों, भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा के लिए शिवराज सरकार जानी जाती है, इसलिए यह सब किया जा रहा है, ताकि इसमें भी जमकर फर्जीवाड़ा किया जा सके। सलूजा ने कहा कि जिस लैपटॉप को खरीदने के लिए सरकार ने शर्त तय की है वो सरकारी कामकाज के लिए उचित नहीं होंगे, क्योंकि हैवी साॅफ्टवेयर को झेलने की क्षमता उनमें नहीं होगी।