ज्यादातर ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, जबकि 22 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। दरअसल, मरीजों की संख्या भले ही कम हुई है, लेकिन आसपास के जिलों से मरीज गंभीर हालत में भोपाल पहुंच रहे हैं, जिससे उन्हें आइसीयू में रखना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आइसीयू में भर्ती मरीजों में करीब 60 फीसद दूसरे जिलों के हैं।

भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): मध्य प्रदेश के अन्य जिलों की तरह भोपाल में भी कोरोना मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है। मंगलवार को 156 मरीज मिले हैं, जबकि एक की मौत हुई है। इलाज करा रहे (सक्रिय) मरीज भी कम हो रहे हैं, लेकिन चिंता की बात यह है कि भोपाल में अभी 157 मरीज आइसीयू में हैं।
भोपाल के निजी और सरकारी अस्पतालों में मिलाकर आइसीयू में 417 बिस्तर हैं, इनमें 154 मरीज भर्ती हैं। 260 बिस्तर खाली हैं। सितंबर में और अक्टूबर के पहले हफ्ते में गंभीर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण निजी या सरकारी किसी भी अस्पताल में आइसीयू में मरीजों को बिस्तर नहीं मिल पा रहे थे, पर अब आसानी से बिस्तर मिल जा रहे हैं।
मास्क लगाना और दो गज की शारीरिक दूरी का पालन जरूरी है। उन्होंने कहा कि आसपास के जिलों से कई ऐसे मरीज आते हैं जिनकी कई जरूरी जांचें तक नहीं हुई होती हैं। संक्रमण ज्यादा होने की वजह से उनकी हालत में सुधार नहीं हो पाता। हमीदिया अस्पताल के छाती व श्वास रोग विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. ने कहा कि मरीजों की संख्या कम होना अच्छे संकेत हैं, लेकिन लोगों ने लापरवाही की तो बीमारी फिर से बढ़ सकती है।