इन बीमारियों से पीड़ित 10 मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र से हैं। दोनों बीमारियों का संक्रमण जिले तक कैसे पहुंचा इसका अध्ययन (वेक्टर स्टडी) करने के लिए भोपाल से आरआरटी (रैपिड रिस्पांस टीम) दल को जबलपुर आना पड़ा।
जबलपुर(राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): Coronavirus Jabalpur News रामकृष्ण परमहंस पाण्डेय.जबलपुर (नईदुनिया)। कोरोना महामारी के खतरे के बीच दुर्लभ श्रेणी में शामिल स्क्रब टाइफस व लेप्टोस्पाइरोसिस बीमारियों ने जिले में दस्तक दे दी है।
लक्षण के आधार पर मरीजों का उपचार किया जाता है। जिन क्षेत्रों में इन बीमारियों से ग्रसित मरीज पाए गए, राज्य स्तरीय टीम ने उनका दौरा किया, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। इन बीमारियों के उपचार के लिए अब तक कोई टीका व दवा नहीं बन पाई है।
खटमल की तरह नजर आने वाले ये पिस्सू जानवरों में चिपके रहते हैं और उनका खून पीकर जीवित रहते हैं। पिस्सू की लार में बैक्टीरिया पाया जाता है। ये पिस्सू यदि किसी मनुष्य को काट लें तो उनकी लार में मौजूद जीवाणु रक्त में फैल जाता है, जो कि स्क्रब टाइफस की वजह बनती है। इस बीमारी में डेंगू की तरह प्लेटलेट्स घटने लगते हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुरारिया ने बताया कि जंगली क्षेत्रों, खेतों के आसपास विशेष तरह के पिस्सू पाए जाते हैं।
किडनी व लिवर पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। मरीज बेहोशी की हालत में जा सकता है। लक्षण- मरीज को तेज बुखार, सिरदर्द, खांसी, त्वचा पर चकत्ते, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द व शरीर में कमजोरी आने लगती है। समय रहते उपचार न होने पर रोग गंभीर होकर निमोनिया का रूप धारण कर लेता है।
लेप्टोस्पायरा बैक्टीरिया के कारण होने वाली यह बीमारी जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। त्वचा पर हल्की चोट या दरार के जरिये बैक्टीरिया शरीर में घुसते हैं, जिससे स्वस्थ व्यक्ति बीमार हो जाता है। घरेलू जानवरों खासकर चूहे के मल-मूत्र से फैलने वाले ये बैक्टीरिया मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
लक्षण- लेप्टोस्पायरोसिस से पीड़ित मरीजों में तेज बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द, कै-दस्त, आंखें लाल होना, पीलिया, जोड़ों में दर्द, थकान लगना, ठंड लगना, दिमागी बुखार, बहरापन व सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।