इसमें लक्षण नजर आने पर जांच के बाद पहले तो निगेटिव सामने आ रहे हैं। इसके बाद आइसोलेशन की अवधि पूरा होने के बाद फिर से लक्षण और जांच में पाजिटिव आ रहे हैं।
रायपुर: कोरोना संदेही आइसोलेशन पूरा होने के बाद भी संक्रमित निकल रहे हैं। हाल ही में ऐसे लगभग 10 फीसद तक केस सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इसमें ऐसे संक्रमित शामिल हैं, जो या तो लक्षण रहित हैं या फिर कम लक्षण वाले हैं। इसमें जांच के बाद चिकित्सक की सलाह से संदेही 10 से 17 दिनों तक होम आइसोलेट होता है। इसके बाद जब अवधि पूरी कर बाहर आता है तो फिर लक्षण नजर आने लगते हैं और जांच में रिपोर्ट पाजिटिव आ जाती है। इसमें से अधिकांश लोगों ने रैपिड एंटीजन किट से जांच कराई
चिंता का विषय इसलिए भी है कि ऐसे लोग होम आइसोलेशन की अवधि पूरी होने के बाद यह सोचकर बाहर निकल आते हैं कि अब उन्हें किसी तरह का खतरा नहीं हैं और जांच के बाद पाजिटिव आने पर कई लोग इनकी जद में आ चुके होते हैं।
चिकित्सकों ने बताया कि रैपिड एंटीजन कम लक्षण वाले या लक्षण रहित मरीजों की स्थिति को जल्दी नहीं पकड़ सकता है, इसलिए रैपिड एंटीजन से जांच के बाद फिर भी लक्षण आपको आते हैं या किसी तरह से स्वास्थ्य खराब लग रहा हो तो आरटीपीसीआर लैब से जांच कराने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाती है।
अतिरिक्त सात दिन खुद से क्वारंटाइन होना होता है। कुछ लोगों में भ्रांति है कि होम आइसोलेशन के लिए सिर्फ 10 दिनों का ही समय है, जो पूर्ण रूप से सही नहीं है, इसलिए चिकित्सक के मार्गदर्शन उचित होता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार होम आइसोलेशन की अवधि 17 दिनों की है। इसमें 10 दिन तक आइसोलेट होकर चिकित्सक की सलाह से दवाएं लेनी पड़ती हैं।
कोरोना के ए-सिमटोमेटिक मरीजों में रैपिड एंटीजन उतनी अधिक कारगर नहीं है, इसलिए जांच के बाद भी आइसोलेशन अवधि तक सावधानी बेहतर होगी। एंटीजन से जांच के बाद किसी तरह की समस्या आ रही हो तो तुरंत आरटीसीसीआर जांच करा सकते हैं। इसमें एक बात यह भी है कि 90 फीसद लोगों में तीन से पांच दिन व 10 दिन के अंदर लक्षण दिखते हैं। लेकिन 10 फीसद ऐसे भी हैं, जिनमें 10-15 दिन या इसके बाद संक्रमण नजर आते हैं। इसलिए भी कुछ लोगों में इस तरह की समस्याएं आ रही हैं। चिकित्सक की सलाह लेना इसमें उचित होगा। -डॉ. चिकित्सा विशेषज्ञ, जिला स्वास्थ्य विभाग