मिली जानकारी के अनुसार जिस समय किसानो को ठगा उस समय किसान घर से कार में टायर बदलवाने के लिए रुपए लेकर आया था, लेकिन मौजमस्ती के चक्कर में उसने इस गिरोह के चंगुल में फंसकर रकम गंवा दी थी। इस मामले में पुलिस की भूमिका भी शुरूआत से सवालों के घेरे में है। आरोपित इस साल तीन वारदात इसी तरह से करने बात कह रहा है, लेकिन पुलिस अभी तक इस मामले में पीड़ित की जानकारी नहीं जुटा पा रही है।

भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): गुरुवार 12 नवंबर को हनीट्रैप मामले में पिपलानी पुलिस के शिकंजे में आए योगेंद्र विश्वकर्मा और आरती शर्मा उर्फ आसमा ने जनवरी 2020 में अयोध्या नगर में भी इसी तरह की वारदात को अंजाम दिया था। उस समय आरोपित योगेंद्र और अंटू उर्फ कौशल सीआइडी अफसर बनकर आए थे और श्यामपुर सीहोर के रहने वाले किसान और उसके दोस्तों से सवा लाख स्र्पये लूट लिए थे।
दाऊद फ्लैट पर पहुंचा तो वहां योगेंद्र विश्वकर्मा और आलोक शर्मा पहुंच गए। दोनों ने स्वयं ने पुलिस कर्मी बताकर दाऊद से 11 हजार रुपये की नकदी, दो तोला गोल्ड की चेन छीन ली। उन्होंने धमकाया था कि यदि पुलिस को शिकायत की तो दुष्कर्म के मामले में फंसा देंगे। हम बता दें कि पिपलानी पुलिस ने 28 साल के दाऊद खान निवासी ए सेक्टर पिपलानी की शिकायत पर तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया। बताया गया है कि पीड़ित की अंटू नाम के आरोपित ने आरती शर्मा उर्फ आसमा खान नामक युवती से पहचान करा दी। युवती ने उसे कटारा हिल्स स्थित एक फ्लैट पर दाउद को मिलने बुलाया था।
पिपलानी टीआइ चैन सिंह रघुवंशी का कहना है कि अंटू उर्फ कौशल दलाली का काम करता है और वह ग्राहक तलाश कर लाता था, जबकि योगेंद्र विश्वकर्मा और आलोक शर्मा समय के अनुसार पुलिस कर्मचारी और मीडियाकर्मी बनकर धौंस बनाते थे। पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है उनसे अन्य वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है।