जीआरपी के अधिकारियों ने महिला की बात पर बिना जांचे ही विश्वास कर लिया और अपहरण की सूचना सभी को दे दी थी, जिससे ललितपुर, झांसी और भोपाल के बीच दो घंटे रेलवे में हड़कंप मचा रहा था।

भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): ललितपुर रेलवे स्टेशन से रविवार को तीन साल की बच्ची के अपहरण की झूठी घटना के लिए जितनी जिम्मेदार उसकी मां है, उतनी ही कमी जीआरपी ललितपुर की सामने आई है।
रेलवे ने यह व्यवस्था की थी कि भले ही ललितपुर से भोपाल के बीच राप्तीसागर एक्सप्रेस का स्टापेज नहीं है फिर भी ट्रेन को किसी स्थिति में आउटर पर न रोकें। यदि ट्रेन का बीच में स्टापेज रहता तो अपहरण कर्ता को पकड़ने व बच्ची को छुड़ाने के लिए ट्रेन को निर्धारित स्टेशन पर नहीं रोका जाता और हजारों यात्री परेशान होते। यदि जीआरपी के अधिकारी उक्त महिला की बात की सत्यता को परख लेते तो अपहरण के झूठे प्रकरण में रेलवे, आरपीएफ, स्थानीय पुलिस और खुद जीआरपी को परेशान नहीं होना पड़ता।
इधर, महिला की सूचना झूठी साबित होने के तीसरे दिन मंगलवार शाम तक उस पर ललितपुर जीआरपी ने गुमराह करने का मामला दर्ज नहीं किया है। जीआरपी झांसी के थाना प्रभारी का कहना है कि महिला ने लिखित में सूचना नहीं दी थी इसलिए उस पर गुमराह करने का केस दर्ज नहीं कर सकते हैं।
इस आधार पर भोपाल व झांसी को सूचना दी गई थी। रेलवे के अधिकारी भी सतर्क हो गए, क्योंकि मामला तीन साल की बच्ची के अपहरण का था इसलिए सूचना के आधार पर रेलवे ने यह तय किया कि ललितपुर से भोपाल के बीच ट्रैक खाली रखें। भले ही बीच में स्टापेज न। ललितपुर की रहने वाली आशा देवी ने जीआरपी को बताया था कि उसकी बेटी का कोई अपहरण करके घर से ले गया है जो स्टेशन की तरफ आया था। इस आधार पर झांसी जीआरपी, आरपीएफ ने सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले तो एक अज्ञात व्यक्ति रविवार शाम सात बजे ललितपुर स्टेशन से राप्तीसागर एक्सप्रेस में बैठता हुआ दिखाई दिया।
ट्रेन जैसे ही रात 8.43 बजे भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंची तो पहले से पूरा बल तैनात था, जिन्होंने ट्रेन की तलाशी ली और कोच एस-2 से बच्ची के साथ उसे लेकर पहुंचे व्यक्ति को बरामद किया था। कई बार प्रीमियम ट्रेनों को आगे निकालने के लिए रेलवे अन्य ट्रेनों को आउटर पर रोक देता है लेकिन राप्तीसागर को किसी भी स्थिति में आउटर पर नहीं रोकने के निर्देश थे। पूछताछ में बच्ची को लाने वाले संतोष पांडे ने बताया कि बच्ची तो उसकी बेटी है। तब मामले की हकीकत पता चली। सोमवार को बच्ची की मां को जीआरपी भोपाल ने बुलाया, माफीनामा के आधार पर उसे व उसके पति को बच्ची सौंप दी थी।