फाइल चार्ज लेने के बाद एजेंट अधिकारियों के माध्यम से बात कराते हैं और फिर सिविल स्कोर व खाते में गड़बड़ी का बताकर लोन देने से मना कर दिया जाता है। बैंक से जानकारी ली जाती है तो पता चलता है कि इस तरह की कोई भी सुविधा वहां है ही नहीं। तब पता चलता है कि फरियादी के साथ धोखाधड़ी हुई है।

इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): लोन दिलाने के नाम पर बदमाश नामी बैंकों का सहारा लेकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। इस तरह के कई मामले साइबर सेल और क्राइम ब्रांच के पास पहुंच रहे हैं। एजेंट लोगों को फोन करता है और लोन देने का झांसा देता है। पहले लोगों को लोन देने की गारंटी दी जाती है, उनके दस्तावेज लेकर उन्हें लोन देने का कहा जाता है और उसके बदले उनसे फाइल चार्ज वसूलते हैं।
इसी तरह का मामला शनिवार को क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा। कुलकर्णी का भट्टा के रहने वाले रूपेश नामदेव ने बताया कि उन्हें दो महीने पहले फोन आया था कि उनके खाते के मुताबिक उन्हें होम लोन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वे पहले भी लोन के लिए प्रयास कर चुके हैं, लेकिन हुआ नहीं है।
एजेंट ने फोन पर कहा कि उनकी ब्रांच उज्जैन में है वे उज्जैन बैंक से लोन दिलवा देंगे। इस पर रूपेश मान गए। एजेंट ने पासबुक, पेनकार्ड, आधार कार्ड और छह महीने का बैंक अकाउंट स्टेटमेंट ले लिया। कुछ दिन बाद फोन आया कि लोन हो चुका है, पहले फाइल चार्ज जमा करना होगा। इसके बाद लोन दिया जाएगा। एजेंट ने राष्ट्रीयकृत बैंक के नाम से लिंक भेजी, जिसमें डेविट या क्रेडिड कार्ड के माध्यम से पेमेंट करना था। उन्होंने 2050 रुपए पेमेंट कर दिए।
परदेशीपुरा स्थित बैंक में जाकर पता किया तो अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की कोई लोन की स्कीम उन्होंने नहीं निकाली और न ही उनके दस्तावेज बैंक में जमा किए गए। इसकी शिकायत क्राइम ब्रांच को की है, मामले में पुलिस छानबीन कर रही है। तीन दिन बाद एजेंट के अधिकारी का फोन आया और उसने कहा कि लोन नहीं हो सकता। इनकम कम है और खाते में रुपए नहीं हैं। इस पर रूपेश ने कहा कि रुपए नहीं है, इसलिए लोन करा रहे हैं। इस पर बैंक अधिकारी ने लोन देने से मना करते हुए फोन रख दिया। इसके बाद एजेंट और अधिकारी का फोन बंद आया।