जबकि कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से यहां पर जमीनों के दाम 3000 रुपये प्रति वर्गफीट है। इससे ही स्पष्ट हो रहा है कि कलेक्टर गाइडलाइन से कम दाम पर अवैध रूप से जमीन की खरीद-फरोख्त जारी थी।

भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): राजधानी के अशोका गार्डन थाना क्षेत्र स्थित सेमराकलां की बेशकीमत 142 करोड रुपये की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर 1100 रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से प्लाट बेचा जा रहा था।
जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद शुक्रवार को इस बात का खुलासा हुआ है। सोसायटी के कुछ सदस्य, एक एडवोकेट तनवीर आलम के साथ मिलकर 1100 रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से सोसायटी की जमीनों को बेंच रहे हैं। इधर, विश्वकर्मा हाउसिंग सोसायटी के अध्यक्ष का कहना है कि उन्होंने 2014 के बाद से किसी को भी मकान बनाने के लिए अनुमति नहीं दी है, क्योकि इस पर हाईकोर्ट का स्टे है।
उन्होंने तत्काल रजिस्ट्री कराने की बात भी कही थी। खास बात तो यह है कि इस बात की जानकारी स्वयं विश्वकर्मा हाउसिंग सोसायटी के अध्यक्ष जसविंदर सिंह भीमरा को नहीं है।बीते दिनों वह अतिक्रमण हटाने वाली जमीन पर एक दुकान खोलने के लिए प्लॉट खरीदने की मंशा से मंगल सिंह नामक व्यक्ति से मिला था। उसने प्लॉट के रेट 1100 रुपए प्रतिवर्गफीट बताए थे।
हाईकोर्ट के स्टे का पालन किया जा रहा है। जो बिना अनुमति निर्माण कर रहे हैं, उनकी जानकारी उन्हें नहीं है। विश्वकर्मा हाउसिंग सोसायटी के अध्यक्ष जसविंदर सिंह भीमरा ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2014 में जब से हाईकोर्ट में केस लगा है तब से सोसायटी के किसी भी सदस्य को जमीन पर निर्माण करने की अनुमति नहीं दी गई है।
पथराव के बाद सेमराकलां की 22.7 एकड़ सरकारी जमीन पर वर्ष 2014 के बाद बने 22 मकान, दुकान और गोदामों में से बचे 5 मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुक्रवार को नहीं की गई। एसडीएम मनोज कुमार वर्मा का कहना है कि यह कार्रवाई आगामी दिनों में पूरी तैयारी के साथ की जाएगी।
इस दौरान अतिक्रमणकारियों ने स्टे लेटर, रजिस्ट्रियों की कापियां व अन्य दस्तावेज की जांच भी की जाएगी। इधर अतिक्रमण हटाने के दौरान शासकीय कार्य में बाधा डालने वाले 6 में से तीन आरोपियों को पकड़ा जा चुका है, बचे हुए तीन आरोपियों को भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। इसके बाद ही यह कार्रवाई संभव है।