गड़बड़ी से बचने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिणाम को पांच चरण में जांचने का फैसला लिया है। करीब 10-15 शिक्षक और अधिकारियों को इस काम की जिम्मेदारी दी है ताकि परिणाम सुधारा जा सके।

इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): ओपन बुक परीक्षा के परिणाम को लेकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) ने मूल्यांकन की व्यवस्था में बड़ा बदलाव कर दिया है।
ओपन बुक प्रणाली से सितंबर में बीए, बीकॉम, बीएससी समेत अन्य यूजी कोर्स के फाइनल ईयर और एमए, एमकॉम, एमएससी के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा हो चुकी है। मगर परिणाम बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने कुछ नए नियम बनाए है।
परिणाम में गड़बड़ी न हो इसके लिए विश्वविद्यालय ने मूल्यांकन से जुड़ी व्यवस्था पूरी बदल दी है। कॉपी जांचने के बाद मूल्यांकन केंद्र से विद्यार्थियों के अंक कम्प्यूटर सेंटर भेज रहे हैं। जहां परिणाम में उत्तरपुस्तिका के अंकों के साथ ही विद्यार्थियों की पुराने परिणामों के प्राप्तांक को भी जोड़ना है। उसके आधार पर विद्यार्थियों के परिणाम को अंतिम रूप दिया है।
यहां पर इंटरनल और पुराने परिणामों के अंकों को जोड़े जाते हैं। इसके बाद सेंटर के अधिकारी परिणाम जांचते हैं। फिर प्रत्येक विषय के ओएसडी को परिणाम देखने की जिम्मेदारी है। बाद में ये परिणाम परीक्षा नियंत्रक की टेबल से होकर गोपनीय विभाग के अधिकारियों तक पहुंचते है।
विद्यार्थियों के पुराने परिणामों के अंक को भी फॉर्मूले में रखना होता है। प्रक्रिया काफी जटिल हो चुकी है। इसके लिए परिणाम को पांच स्तर पर जांचा जा रहा है। सबसे आखिरी में परीक्षा समिति के पास तैयार परिणाम जाते है। सदस्यों की मंजूरी मिलते ही विश्वविद्यालय को परिणाम घोषित करेगा। परीक्षा नियंत्रक डॉ. का कहना है कि जनरल प्रमोशन और ओपन बुक परीक्षा के लिए व्यवस्था बदली है। परिणाम को बनाने की प्रक्रिया काफी अलग है।