शिक्षक भी इस बात को बखूबी समझ रहे हैं। उनके मुताबिक लगातार पढ़ाई करना विद्यार्थियों को रास नहीं आ रहा है। पढाई के लिए जरूरी माहौल भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कई विद्यार्थी जो आनलाइन क्लास में आते भी है वे मोबाइल चालू करके छोड़ देते हैं।

जबलपुर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): स्कूल और कॉलेजों में आनलाइन पढ़ाई की जब रफ्तार बनी तब विद्यार्थी इससे ऊबने लगे हैं। शुरुआती दिनों में जहां आनलाइन पढ़ने वाले 70 से 80 फीसद विद्यार्थी थे अब संख्या घटने लगी है। अब आनलाइन कक्षाओं में उपस्थिति 25 फीसद से कम पर पहुंचने लगी है।
जीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ने बताया कि पढ़ाई के लिए शिक्षक अब नियमित कक्षाएं मोबाइल पर लगाते हैं लेकिन उनके सामने विद्यार्थियों की संख्या कम होती है। कई विद्यार्थी मोबाइल पर लगातार क्लास करने से परेशान हो चुके हैं। उन्हें कॉलेज में आकर कक्षाओं में पढ़ना अच्छा लगता है।
हर पीरियड के बाद कुछ अंतराल होता है जिसमें वह थोड़ा आराम करता है दोस्त होते हैं जिनसे बातचीत की जाती है। आनलाइन में ऐसी कोई सुविधा नहीं होती है इस वजह से उन्हें एकाग्रता रखने में दिक्कत आती है। वहीं मोबाइल पर लगातार बैठना भी आसान नहीं है। करीब तीन घंटे तक नियमित कक्षाएं चलती है। कई विद्यार्थियों ने मोबाइल में लगातार बैठने की वजह से आंखों में परेशानी की शिकायत भी की है ऐसी वजह से भी उन्होंने आनलाइन क्लास ज्वाइन करने से इंकार कर दिया है।