6 महीने के भीतर प्याज के दाम 10 गुना बढ़ गए हैं। नासिक में प्याज की पैदावार नहीं हाेने और केंद्र के स्टाॅक लिमिट तय करने के कारण कीमताें में ये उछाल आया है।
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ग्वालियर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): लॉकडाउन में थोक मंडी में 6 रुपए और ठेलों पर 8-10 रुपए किलो बिकने वाली प्याज अब थोक मंडी में 60-65 रुपए और ठेलों पर 70 रुपए किलो में बेची जा रही है।
शहर में शिवपुरी व आसपास के गांवों की प्याज आ रही है। लक्ष्मीगंज थोक मंडी में ज्यादा प्याज नासिक, शाजापुर, इंदौर, दिल्ली, पिछोर- शिवपुरी से आती है, लेकिन बीते कुछ महीनों में जगह-जगह बारिश हाेने व लॉकडाउन के कारण प्याज की पैदावार कम हुई। नतीजा- मंडी में राेज प्याज के 10 ट्रक उतरा करते थे, लेकिन अब यह टुकड़ों में चंद क्विंटल के ऑर्डर पर मंगाई जा रही है।
अब खुदरा कारोबारी 2 टन तक और थोक कारोबारी 25 टन तक ही स्टॉक रख सकता है। इससे अधिक रखने पर जुर्माने का प्रावधान किया है। यह लिमिट केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर तक लगाई है। केंद्र सरकार ने प्याज की पैदावार कम होने और जमाखोरी को रोकने के लिए प्याज के स्टॉक पर लिमिट तय कर दी है।
इस कारण पिछले 3- 4 महीने में प्याज की पैदावार उतनी हो ही नहीं पाई। इस कारण ही आज प्याज की कमी है और इसके कारण दाम 70 रुपए किलो तक पहुंच रहे हैं। सब्जी की थोक मंडी के कारोबारी राजेंद्र गुप्ता बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान किसान को न बीज मिला न ही खाद। यह हालत देशभर के किसानों की रही है।